इतने कर्मी है आपदा में ग्राउंड जीरो के असली हीरो, जानिए
आपदा प्रभावित आराकोट क्षेत्र में पहले दिन से लेकर अब तक राहत रेस्क्यू में जुटे 300 कर्मी ही ग्राउंड जीरो के असली हीरो हैं।
आराकोट(उत्तरकाशी), जेएनएन। रेस्क्यू और राहत शब्द जितना छोटा है, ग्राउंड जीरो पर विकट परिस्थितियों के बीच इसकी विशालता उतनी ही बड़ी है। आपदा प्रभावित आराकोट क्षेत्र में पहले दिन से लेकर अब तक राहत रेस्क्यू में जुटे 300 कर्मी ही ग्राउंड जीरो के असली हीरो हैं। राहत रेस्क्यू में लगे इन कर्मियों के हौसले और हिम्मत की स्थानीय लोग भी प्रशंसा कर रहे हैं।
आराकोट की आपदा को एक सप्ताह का समय हो चुका है। पहले दिन से ही रेस्क्यू टीमें पूरी शिद्दत के साथ राहत में जुटी हैं। इन टीमों में भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (आइटीबीपी), राष्ट्रीय आपदा प्रतिवादन बल (एनडीआरएफ), राज्य आपदा प्रतिवादन बल (एसडीआरएफ), पुलिस, पीएसी, प्रांतीय रक्षा दल, होमगार्ड, क्यूआरटी, आपदा प्रबंधन टीम तथा रेड क्रॉस टीम शामिल हैं।
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राहत में लगे जांबाजों ने लापता लोगों की खोजबीन से लेकर, सड़क, पैदल मार्ग खोलने व राहत पहुंचाने के साथ ही घायलों को स्वास्थ्य शिविर तक पहुंचाने में अहम भूमिका निभाई। राहत कैंपों में प्रभावितों को ठहराने से लेकर उन्हें भोजन कराने की जिम्मेदारी भी इन्हीं जवानों के ऊपर है। सात दिन पहले यह जवान जिन कपड़ों में आपदा प्रभावित क्षेत्रों में पहुंचे, आज भी उन्हीं कपड़ों में हैं, यानि कुल मिलाकर इन्हें न तो नहाने का समय मिला और न ही कपड़ों को बदलने का। संसाधनों के अभावों के बीच जिलाधिकारी डॉ. आशीष चौहान, एसपी पंकज भट्ट, सीडीओ प्रशांत आर्य, एसडीएम अनुराग आर्य ने भी राहत कार्यों में लगे इन जवानों का मनोबल बढ़ाया।
पुलिस अधीक्षक पंकज भट्ट कहते हैं कि राहत रेस्क्यू में हर एक कर्मी पूरी शिद्दत और मेहनत से जुटा है। राहत देने से लेकर सड़क खोलने के कार्य में कर्मी दिन रात जुटे हुए हैं। जिसके कारण लोगों को राहत मिल सकी है। ऐसे में इन जवानों का मनोबल बढ़ाना बेहद ही जरूरी होता है।
रेस्क्यू राहत टीम संख्या
आइटीबीपी 18
एनडीआरएफ 20
एसडीआरएफ 70
पुलिस-पीएसी 25
प्रांतीय रक्षक दल 40
होमगार्ड 20
क्यूआरटी व आपदा प्रबंधन 50
रेडक्रॉस 2
राजस्व पुलिस 25
हिमाचल पुलिस और आइटीबीपी 30
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