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झील से बढ़ा उत्तरकाशी में तटीय इलाकों को खतरा

जागरण संवाददाता, उत्तरकाशी : आइटीबीपी के सोनम कैंप व त्रिपानी कैंप के बीच अंगारखाला के पास बनी झील

By Edited By: Published: Tue, 06 Sep 2016 01:00 AM (IST)Updated: Tue, 06 Sep 2016 01:00 AM (IST)
झील से बढ़ा उत्तरकाशी में  तटीय इलाकों को खतरा

जागरण संवाददाता, उत्तरकाशी : आइटीबीपी के सोनम कैंप व त्रिपानी कैंप के बीच अंगारखाला के पास बनी झील से सोनम कैंप, नागा कैंप, नेलांग में बन रहे वैली ब्रिज सहित धराली, हर्षिल, झाला व उत्तरकाशी के तटीय इलाके को भी खतरा पैदा हो गया है।

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आपदा की दृष्टि से संवेदनशील उत्तरकाशी जनपद में मानसून सीजन के समाप्ति पर भारत-तिब्बत सीमा पर सोनम के पास बनी झील ने हलचल मचा दी है। इस झील से सबसे पहला खतरा आइटीबीपी के सोनम कैंप को है। यह कैंप इस झील से चार किलोमीटर की दूरी पर है। दूसरा खतरा जादूंग कैंप को जोड़ने वाले पुल, नागा पुल, नागा कैंप, नेलांग में बन रहे बीआरओ की पुल को खतरा है। इसके साथ ही गंगोत्री घाटी में धराली, हर्षिल, बगोरी, झाला गांव के साथ उत्तरकाशी तक तटीय इलाके को खतरा है। भाजपा के प्रदेश कार्यकारिणी सदस्य लोकेंद्र ¨सह बिष्ट ने बताया कि 1978 में डबराणी के पास एक नाले में बाढ़ आने के कारण भागीरथी का बहाव रुक गया था तथा एक बड़ी झील भागीरथी पर बन गई थी। इसके टूटने पर भटवाड़ी, मनेरी, गंगोरी सहित उत्तरकाशी के तटीय इलकों को भारी नुकसान हुआ था। अगोड़ा गांव के निवासी संजय पंवार ने बताया कि वर्ष 2012 में डोडीताल के ऊपर बादल फटने डोडीताल झील का पानी असी गंगा में आया था। इस बाढ़ से असी गंगा घाटी के कई पुल बहे थे तथा तीन ग्रामीणों की मौत भी हुई थी।


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