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महिलाओं ने मंत्री से की राशन नहीं मिलने की शिकायत

काशीपुर के कुंडेश्वरी में राशन वितरण करने पहुंचे कैबिनेट मंत्री यशपाल आर्या से कई महिलओं ने पात्र होने के बाद भ्भी उनहें राशन न दिए जाने की शिकायत की।

By JagranEdited By: Published: Sun, 20 Jun 2021 05:53 PM (IST)Updated: Sun, 20 Jun 2021 05:53 PM (IST)
महिलाओं ने मंत्री से की राशन नहीं मिलने की शिकायत
महिलाओं ने मंत्री से की राशन नहीं मिलने की शिकायत

जासं, काशीपुर : कुंडेश्वरी में राशन वितरण करने पहुंचे कैबिनेट मंत्री यशपाल आर्या से कुछ महिलाओं ने पात्र होने के बाद भी उन्हें राशन न दिए जाने की शिकायत की। महिलाओं ने राशन वितरण के लिए बनाई गई सूची पर भी सवाल उठाए। इस पर मंत्री के सहायक ने महिलाओं के नाम-पते नोट कर लिए और भविष्य में राशन दिलवाने का आश्वासन दिया।

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परिवहन मंत्री यशपाल आर्या रविवार को कुंडेश्वरी क्षेत्र के गांव महादेवनगर पहुंचे। यहां उन्हें गरीबों को राशन वितरण करना था। आसपास के गांवों की कई महिलाएं राशन मिलने की आस में महादेवनगर पहुंची थीं। इस दौरान राशन कम पड़ गया। कैबिनेट मंत्री यशपाल आर्या मौके से जाने लगे तो गई महिलाएं सामने आ गईं। कहने लगीं कि वह निश्शुल्क राशन पाने के लिए पूरी तरह से पात्र हैं। गांव में सबसे गरीब हैं। आजीविका का कोई साधन भी नहीं है। इसके बाद भी राशन वितरण लिस्ट में उनका नाम नहीं है। जबकि वह कई बार राशन की मांग कर चुकी हैं। महिलाओं की मांग पर यशपाल आर्या ने अपने सहायक से महिलाओं के नाम-पता नोट करने के लिए निर्देशित करते हुए भविष्य में इन महिलाओं को सरकारी लाभ दिलाने को का प्रयास किया जाए।

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रोडवेज को घाटे से उबारने के होंगे प्रयास

काशीपुर : इस दौरान पत्रकारों से वार्ता के दौरान परिवहन मंत्री यशपाल आर्या ने कहा कि विभाग की बसें पहाड़ की लाइफलाइन हैं। दुर्गम व सीमांत क्षेत्रों में भी हमारी बसें जाती हैं। बीते कुछ महीनों से परिवहन विभाग घाटे में चल रहा है। कोरोनाकाल के चलते बसों का संचालन ठीक से नहीं हो पा रहा है। कर्मचारियों की सेलरी देने में भी दिक्कत हो रही है। अभी भी कुछ महीने का वेतन शेष है। हमारा प्रयास है कि चरणबद्ध तरीके से परिवहन विभाग के कर्मचारियों को वेतन दिया जाए। इस पर भी विचार कर रहे हैं कि लंबे समय से घाटे में चल रहे परिवहन विभाग को कैसे घाटे से उबारा जाए। सीएम से वार्ता होगी। हमारे पास कई सुझाव हैं। प्राइम लोकेशन पर जमीनें हैं। उसके विषय में भी सीएम से बात होगी। हमारा प्रयास होगा कि उप्र और उत्तराखंड के सीएम इस दिशा में फैसला लें ताकि परिवहन विभाग को घाटे से उबारा जा सके। उन्होंने कहा कि चालक, परिचालक व अन्य कर्मचारियों के हितों को ध्यान में रखकर सरकार कार्य कर रही है। ऐसा कोई कदम नहीं उठाया जाएगा जो कर्मचारियों के हितों के विपरीत हो।

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