खेत की मिट्टी पसंद आई तो चुन ली कबड्डी
पिता के साथ खेत पर जाना एक बहाना था, क्योंकि खेत की मिट्टी और उसकी सुगंध पसंद थी। इसीलिए खेल के लिए कबड्डी चुन ली।
संवाद सहयोगी, रुद्रपुर : पिता के साथ खेत पर जाना एक बहाना था, क्योंकि खेत की मिट्टी और उसकी खुशबू से रुबरू होना था। बचपन में भाई और दोस्तों के साथ कबड्डी खेलते-खेलते कब इसे अपना लक्ष्य बना लिया पता ही नहीं चला। यह बात हरिद्वार कबड्डी टीम के खिलाड़ी अमित ने कही। उनकी टीम में कई खिलाड़ी पुलिस और पीएसी में कार्यरत हैं। उन्होंने कहा कि विभाग से खेल के लिए परमिशन मिलने पर प्रतिभा दिखाने का मौका मिला।
सोमवार को सेमीफाइन के पहले मुकाबले में हरिद्वार ने ऊधम¨सह नगर को 40-30 से हराया। इस टीम में बेहतरीन प्रदर्शन करने वाले अमित और सुमित कुमार पुलिस विभाग में सेवाएं दे रहे हैं। इनके पिता किसान और मां गृहणी हैं। अमित अब तक इंडिया कैंप सहित कई प्रतिस्पद्र्धाओं में मेडल जीत चुके हैं। वहीं सुमित दो बार ऑल इंडिया पुलिस टीम का नेतृत्व कर चुके हैं। उनका लक्ष्य देश का नाम रोशन करना है। इनसेट-
कबड्डी बचपन से ही खेल रहे हैं। पहली बार अपने ही राज्य में ओलंपिक खेलने का मौका मिला है। सरकार को खेलों के प्रति प्रोत्साहित करने की जरूरत है। आने वाले समय में कबड्डी में अपना देश आगे रहेगा। बस थोड़ा सपोर्ट की आवश्यकता है।
- अमित, हरिद्वार नौ वर्ष की आयु में ही दोस्तों को देख कबड्डी खेलना शुरू किया। 2010 में स्पोर्ट ने ही आगे बढ़ने का मौका दिया। जब भी कोई प्रतियोगिता होती है, उसमें शामिल होने की पूरी कोशिश रहती है। कई खेल उपेक्षा का शिकार हो रहे हैं। इन्हें बढ़ावा देने की जरूरत है।
- सुमित, हरिद्वार