पड़ोसियों की बैसाखी पर तंत्र के निर्माण का साहस
दुर्घटना में दोनों जवान बेटों को खोने के बाद सदमें में जी रहे ऊधम सिंह ने पड़ोसियों की बैसाखी पर मतदान किया।
संवाद सहयोगी, रुद्रपुर : दुर्घटना में दोनों जवान बेटों को खोने के बाद सदमें में जी रहे ऊधम ¨सह को वक्त की मार ने अपाहिज बना दिया। लेकिन देश के सच्चे नागरिक होने का फैसला करते हुए उन्होंने अपने मताधिकार का प्रयोग किया। जी हां आवास विकास निवासी ऊधम ¨सह पुत्र जोगेंद्र ¨सह के दोनों पैरों ने काम करना बंद कर दिया। लेकिन चुनाव को लेकर अपने मत का प्रयोग कर उन्होंने दूसरो को भी जिम्मेदार नागरिक होने की सीख दी।
हिम्मत और हौसले बुलंद होने के साथ एक जिम्मेदार नागरिक होना सबके बस की बात शायद न हो, लेकिन आवास विकास वार्ड नंबर 39 में रविवार की सुबह ऐसे ही एक व्यक्ति को देख लोगों के होश उड़ गए। ऊधम ¨सह के दो पुत्र थे। एक सड़क दुर्घटना में इनके दोनों जवान बेटों की मौत हो गई थी। इससे उन्हें गंभीर सदमा पहुंचा। यही नहीं, इसका असर ऊधम ¨सह के दोनों पैरों पर भी पड़ा। वह चलने में असमर्थ हो गए। 70 वर्षीय ऊधम ¨सह ने अपने जीवन काल में पात्रता के बाद अब तक सभी चुनाव में मताधिकार का प्रयोग किया है। रविवार को ई-रिक्शा से पो¨लग बूथ पर पहुंचे जब दो लोग उन्हें अपने कंधे का सहारा देकर उतारने लगे तो सबके होश उड़ गए। उन्होंने अपने पड़ोसी के साथ जाकर मतदान किया। कहा कि यह मतदान उन लोगों के लिए सीख है, जो आलस दिखाते हैं अथवा मतदान न करने की बात करते हैं। यही नहीं जो लोग अपना राज्य और देश छोड़कर बाहर हैं, उन्हें भी एक बार सोचना चाहिए।