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डैम भीतर गांव ककराला में वनकर्मियों का उत्पात

संवाद सूत्र, गूलरभोज : लकड़ी तस्करी की वारदात में वांछित आरोपित के फरार होने से गुस्साए वन क

By JagranEdited By: Published: Wed, 10 Oct 2018 07:05 PM (IST)Updated: Wed, 10 Oct 2018 07:05 PM (IST)
डैम भीतर गांव ककराला में वनकर्मियों का उत्पात
डैम भीतर गांव ककराला में वनकर्मियों का उत्पात

संवाद सूत्र, गूलरभोज : लकड़ी तस्करी की वारदात में वांछित आरोपित के फरार होने से गुस्साए वन कर्मियों ने डैम भीतर गांव ककराला में जमकर उत्पात मचाया। पांच घंटे तक चले उत्पात के दौरान एक परिवार पर जमकर सितम टूटा। इस दौरान कई महिलाएं घायल हो गई। कर्मियों के हवाई फायरिंग करने की बात भी सामने आई है। मौके पर पहुंची पुलिस ने बमुश्किल वन कर्मियों को काबू किया। मामले में पीड़ितों की तरफ से चौकी में नामजद तहरीर दी गई।

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जानकारी के मुताबिक पीपलपड़ाव रेंज के आधा दर्जन वन कर्मियों ने बुधवार सुबह सात बजे गांव ककराला की घेराबंदी कर तस्कर होशियार सिंह को दबोच लिया। आरोप है कि उक्त तस्कर को छोड़ने की एवज में राजेश, कमल और अन्य वन कर्मी जोगेंद्र सिंह के परिवार से दस हजार रु पयों की मांग करने लगे। परिवार ने ऐसा करने से इन्कार किया तो जोगेंद्र से मारपीट करने लगे। इतने में पकड़ा गया तस्कर होशियार फरार हो गया। गुस्साए कर्मियों ने हवाई फायरिंग कर दी, जिससे गांव में हड़कंप मच गया। तमाम महिलाएं घर से निकल आईं। जोगेंद्र सिंह को बचाने आईं उसकी पत्नी जोगेंद्रो बाई की वनकर्मियों ने लाठियों से धुनाई कर दी। पति-पत्नी को पिटता देख रिश्तेदार मंगल सिंह उसकी पत्नी अमरीक कौर, नाबालिग बेटी सोनी, पुत्रवधू परमजीत कौर ने बचाने का प्रयास किया। पूरे परिवार ने वन कर्मियों के कब्जे से एकाएक असलहा छीन लिया। इस पर वनकर्मियों ने पूरे परिवार को लाठी-डंडों से दौड़ा-दौड़ा कर पीटा। इस दौरान वहां मौजूद सभी महिलाओं को गंभीर चोटें आईं। सूचना पर मौके पर पहुंचे पुलिस कर्मियों ने घंटों मशक्कत के बाद हालात पर काबू पाया। देर शाम मामले में मंगल सिंह पुत्र वचन सिंह की तरफ से तीन अज्ञात सहित दो नामजद वन कर्मियों के खिलाफ चौकी में तहरीर दी। इंसेट-

फायरिंग में इस्तेमाल हुआ था अवैध असलहा

पीड़ित मंगल सिंह ने वन कर्मियों द्वारा फायरिंग में इस्तेमाल असलहा को छीनकर पुलिस की सुपुर्दगी में देने और उसके अवैध होने का दावा किया। इस बाबत पुलिस साफ-साफ कहने से बचती नजर आई। इंसेट-

तस्करी के लिए कुख्यात है ककराला

डैम भीतर जंगल से सटा गांव ककराला तस्करों का अड्डा बन गया है। पीपलपड़ाव रेंज में तस्करी की हर वारदात में गांव का कोई न कोई वांछित रहा है। कई मामलों में तस्करों की वनकर्मियों से संलिप्तता भी सामने आई है। पिछले तीन साल में रेंज से डेढ़ दर्जन से ज्यादा तस्करी की वारदात को अंजाम दिया जा चुका है। वर्जन

मामले की सूचना मिली है। वन कर्मियों ने ग्रामीणों द्वारा फायरिंग की बात बताई गई है। यदि मारपीट और फायरिंग में वन कर्मियों की संलिप्तता सामने आती है तो संबंधित के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

-उमेश चंद्र तिवारी, एसडीओ, तराई केंद्रीय वन प्रभाग,हल्द्वानी


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