International Yoga Day: वज्र आसन ने 80 की उम्र में बना दिया वज्र
International Yoga Day: योग से न केवल इंसान स्वस्थ रह सकता है, बल्कि लाइलाज बीमारियां भी ठीक हो सकती हैं। यह साबित कर दिखाया अधिवक्ता वेद प्रकाश बाठला ने।
काशीपुर, [अरविंद कुमार सिंह]: योग से न केवल इंसान स्वस्थ रह सकता है, बल्कि लाइलाज बीमारियां भी ठीक हो सकती हैं। यह साबित कर दिखाया अधिवक्ता वेद प्रकाश बाठला ने। उन्हें न केवल रीढ़ की हड्डी टूटने के बाद की परेशानी से मुक्ति मिली, बल्कि प्रॉस्टेट ग्लैंड बीमारी से भी निजात मिली। अब वह वकालत के साथ ही दूसरों को भी योग सिखा रहे हैं।
पटेल नगर निवासी वेद प्रकाश बाठला (80 वर्ष) ने आवास पर ही कानूनी राय देने के लिए कार्यालय बनाया है। वह बताते हैं कि 17 सितंबर 2007 को भीमताल में एक सत्संग में परिवार के साथ हिस्सा लेने गए थे। उसी दिन रात करीब सात बजे मोबाइल फोन पर बात करते हुए सड़क पर पैदल जा रहे थे कि तभी अचानक करीब 20 फिट गहरी खाई में गिर गए। लोग खाई से निकालकर सत्संग स्थल पर ले गए तो चिकित्सक ने रीढ़ की हड्डी टूटने की बात कही। इसके बाद इलाज के लिए कई हड्डी रोग विशेषज्ञों को दिखाया। डॉक्टर ऑपरेशन की सलाह देते थे। लोग कहते थे कि ऑपरेशन में थोड़ी भी लापरवाही होने पर जिंदगी भर के लिए कुबड़े हो जाओगे। तभी ठान लिया कि इसे योग के जरिये ही ठीक किया जाएगा। तीन-चार माह बाद किसी तरह छड़ी के सहारे उठने लगे। करीब छह माह बाद बैठना शुरू किया तो वज्र आसन का अभ्यास शुरूकर दिया। इसके बाद धीरे-धीरे भुजंग व शलभ आसन का अभ्यास करने लगा।
वह बताते हैं कि रीढ़ की हड्डी की बीमारी से निजात मिली नहीं कि वर्ष 2008 में प्रॉस्टेड ग्लैंड बढ़ गया। यहां के कई चिकित्सकों के साथ ऑल इंडिया इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस गए तो बताया गया कि ऑपरेशन नहीं कराने पर यह कभी भी फट सकता है और जान भी जा सकती है। बाठला बताते हैं कि योग की शक्ति के बारे में पता था ही? इसलिए सोचा कि योग से जब रीढ़ की हड्डी ठीक हो गई तो इसे भी योग के जरिये ही ठीक कर लेंगे। रोजाना एक मिनट मंडूक, 10 मिनट सुप्त बज्र आसन व दो मिनट हस्तोउत्त्तानपान आसन करने लगा और अब प्रॉस्टेट ग्लैंड की बीमारी खत्म हो चुकी है। बताया कि योग के लिए छुट्टी का कोई कॉलम नहीं है।
अब लोगों सिखाते हैं नि:शुक्ल योग
वेद प्रकाश कहते हैं कि व्यक्ति यदि रोजाना योग करता है तो निश्चित तौर पर वह तन व मन से स्वस्थ रहेगा। सिर्फ पांच किलोमीटर दौड़ने से व्यक्ति को स्वस्थ नहीं माना जा सकता है। कम से कम आधा घंटा पद्म आसन करने वाला स्वस्थ माना जा सकता है। कहते हैं कि भागमभाग की जिंदगी में निरोग रहना है तो योग बहुत जरूरी है। विश्व योग दिवस शुरूहोने से स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता थोड़ी बढ़ी है। रोजाना सुबह-शाम द्रोणा सागर, गौड़ सभा, चौहान सभा व जैन अतिथि गृह में नि:शुल्क योग शिविर लगाए जाते हैं। वह खुद योगाभ्यास कराते हैं। इसके अलावा 11-12 लोगों को योग का प्रशिक्षण देते हैं।