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सरकारी विभागों में हो ¨हदी का प्रयोग

जागरण संवाददाता, काशीपुर : मौलाना अबुल कलाम आजाद अल्पसंख्यक कल्याण समिति (माकाक्स) के केंद्र

By JagranEdited By: Published: Thu, 13 Sep 2018 04:56 PM (IST)Updated: Thu, 13 Sep 2018 04:56 PM (IST)
सरकारी विभागों में हो ¨हदी का प्रयोग
सरकारी विभागों में हो ¨हदी का प्रयोग

जागरण संवाददाता, काशीपुर : मौलाना अबुल कलाम आजाद अल्पसंख्यक कल्याण समिति (माकाक्स) के केंद्रीय अध्यक्ष व अधिवक्ता नदीमउद्दीन ने राज्यपाल बेबी रानी मौर्य को ज्ञापन व ई-मेल भेजकर उत्तराखंड राजभाषा अधिनियम 2009 के प्रावधान लागू कर सभी आयोगों, अधिकरणों, प्राधिकारियों व कार्यालयों में ¨हदी भाषा का प्रयोग कराने की मांग की। राष्ट्र में अधिक से अधिक हिंदी के प्रयोग करने को संयुक्त राष्ट्र संघ महासभा में प्रथम बार हिंदी में भाषण देने वाले जननायक अटल बिहारी वाजपेयी को सच्ची श्रद्धांजलि बताया है।

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नदीम ने राज्यपाल को भेजे ज्ञापन में कहा है कि 1951 से ही ¨हदी को राजभाषा के रुप में लागू किया गया है। नौ नवंबर 2000 को राज्य बना और उत्तराखंड राजभाषा अधिनियम 2009 लागू भी है। सभी कार्यालय, प्राधिकारी अपने क्रियाकलापों में केवल राजभाषा ¨हंदी का ही प्रयोग कर सकते हैं। सूचना अधिकार में प्राप्त सूचना के मुताबिक राज्य मानवाधिकार आयोग, उपभोक्ता आयोग, लोक सेवा अधिकरण तथा परिवहन अपीलीय न्यायाधिकरण व वाणिज्य कर अधिकरण में ¨हदी के स्थान पर अंग्रेजी का प्रयोग किया जा रहा है। इससे जनता को बेवजह समस्याओं का सामना करना पड़ता है। जबकि आयोगों व अधिकरणों के अफसरों व कर्मचारियों को ¨हदी की जानकारी है। संयुक्त राष्ट्र संघ में हिंदी में भाषण देकर हिंदी को अंतरराष्ट्रीय भाषा के रूप में गौरव दिलाने की नींव पूर्व प्रधानमंत्री अटल जी ने रखी थी। राष्ट्र में राष्ट्रभाषा ¨हदी को गौरव व सम्मान दिलाना पहली प्राथमिकता होनी चाहिए।


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