पेपरलेस शिक्षा की गुणवत्ता बढ़ाने पर जुटा विवि
लॉकडाउन में कक्षाएं बंद होने से छात्रों का भविष्य प्रभावित न हो इसके लिए पं. गोविंद बल्लभ पंत कृषि एवं प्रौद्योगिकी विवि पेपरलेस सिस्टम अपनाने में जुटा है।
जागरण संवाददाता, रुद्रपुर : लॉकडाउन में कक्षाएं बंद होने से छात्रों का भविष्य प्रभावित न हो इसके लिए पं. गोविद बल्लभ पंत कृषि एवं प्रौद्योगिकी विवि पेपरलेस सिस्टम अपनाने में जुटा है। इस सिस्टम से शिक्षा की गुणवत्ता के साथ कार्यों में पारदर्शिता बनी रहेगी। ऑनलाइन प्रवेश व वार्षिक परीक्षाएं भी कराई जाएंगी। विवि ने पेपरलेस काम करने वाली नामी गिरामी कंपनियों से काम करने की तकनीकी की जानकारी जुटा रही है। इस तकनीकी पर करीब पांच करोड़ रुपये खर्च होंगे।
पढ़ाई, शोध कार्य प्रभावित होने के साथ कई मामले फाइलों में लंबित पड़े रहते हैं। समय से समाधान नहीं हो पाता है। छात्रों को कितना कोर्स पढ़ाया गया, शिक्षक कितना समय छात्रों के लिए दिए आदि की समीक्षा नहीं हो पाती है। 24 मार्च से लॉकडाउन के कारण कुछ दिन तक कक्षाएं ठप रहीं। हालांकि बाद में ऑनलाइन कक्षाएं शुरू कर दी गईं, लेकिन दफ्तरों में स्टॉफ कम पहुंच रहे हैं इससे शोध कार्य सहित तमाम कार्य प्रभावित होने लगे हैं। ऐसे में विवि की ई-गवर्नेस इकाई पेपरलेस सिस्टम पर काम करने के लिए कुछ दिन पहले ऑनलाइन सेमिनार के माध्यम से देश की नामी गिरामी उन छह कंपनियों की तकनीकी की खासियत व तौर तरीकों की जानकारी ली है, जो पेपरलेस तकनीकी से काम कर रही है। विवि ने भी इस तकनीकी को अपनाने के लिए जुट गई। कंपनियों से पेपरलेस तकनीकी का प्रोजेक्ट भेजने को कहा है। ई गवर्नेस इकाई जल्द पेपरलेस सिस्टम पर होने वाले खर्च का प्रस्ताव विवि प्रशासन को भेजेगी इस पर तेजी से काम हो रहा है।
-----------
पेपरलेस सिस्टम है क्या
सभी कार्य ऑनलाइन ही होंगे, पेपर का प्रयोग नहीं किया जाएगा। इस सिस्टम से पता चल जाएगा कि छात्रों को किस शिक्षक ने कितना कोर्स व कितने समय पढ़ाया, विवि में होने वाली गतिविधियों की जानकारी ऑनलाइन मिलती रहेगी। ग्रीष्मावकाश में घर गए छात्र विवि में संचालित होने वाली गतिविधियों से अवगत होते रहेंगे। छात्र समय का सदुपयोग कर सकेंगे। सायंकालीन कक्षाएं, मोबाइल, कंप्यूटर पर संचालित होंगी। यह व्यवस्था स्थायी रूप से होगी।
--------------
इसके लाभ
-कार्यों में पारदर्शिता होगी
-कार्य करने की क्षमता बढ़ेगी
-कार्यों में गुणवत्ता आएगी
-ऑनलाइन ही शिकायतों का तत्काल समाधान होगा
-विवि में बेहतर कार्य करने का माहौल बनेगा
-------------
पेपरलेस सिस्टम को अपनाने में करीब चार से पांच करोड़ रुपये खर्च होंगे। इस संबंध में पेपरलेस सिस्टम में काम करने वाली नामी गिरामी कंपनियों से तकनीकी की जानकारी ली जा रही है। इस सिस्टम से कार्यों में पारदर्शिता के साथ क्षमता विकसित होगी। समस्याओं का समाधान भी तत्काल होगा।
-डॉ. आरएस जादौन, निदेशक, सेवायोजन एवं परामर्श, पंत विवि