20 करोड़ में बनेगा टू -वे रामनगर-रुद्रपुर बाइपास
बाया काशीपुर होकर गुजरने वाले रामनगर व रुद्रपुर क्षेत्र यात्रियों को राहत मिलेगी।
जागरण संवाददाता, , काशीपुर :
बाया काशीपुर होकर गुजरने वाले रामनगर व रुद्रपुर क्षेत्र के लोगों के लिए अच्छी खबर है। कुछ माह इंतजार के बाद इनको काशीपुर में लगने वाले जाम में नहीं फंसना पडे़गा। ये लोग राष्ट्रीय राजमार्ग 121 (रामनगर रोड) के निकट से गुजरने वाली सिचाई विभाग की द्रोणासागर राजवाह पर बनने जा रहे साढे़ चार किमी लंबे टू-वे रामनगर-रुद्रपुर बाइपास होकर गंतव्य तक जाएंगे। इस योजना को कैबिनेट द्वारा मंजूर किए जाने के बाद गुरुवार को सिचाई विभाग की टीम ने इसका सर्वे शुरू कर दिया है। इस मार्ग के शुरू होने से काशीपुर में लगने वाले जाम से लोगों को निजात मिलेगी।
23 अक्टूबर 2019 को अल्मोड़ा में आयोजित कैबिनेट की बैठक में मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने रामनगर-रुद्रपुर रोड को जोड़ने वाले टू-वे रामनगर-रुद्रपुर बाइपास मार्ग के लिए 20 करोड़ की घोषणा की थी। शासन द्वारा 30 अक्टूबर 2019 को इस संबंध में शासनादेश लागू कर दिया गया था। इस मामले को काशीपुर के विधायक हरभजन सिंह चीमा ने जोर-शोर से विधानसभा में उठाया था। डीएम को भी पत्र लिखा था। डीएम द्वारा इस मामले को 23 अक्टूबर को अल्मोड़ा में हुई कैबिनेट की बैठक में उठाया गया। जिसे सीएम द्वारा घोषित कर दिया गया था। इस बावत सिंचाई विभाग काशीपुर के अधिशासी अभियंता अरुण कुमार नेगी ने बताया कि टू-वे बाइपास का निर्माण कार्य रामनगर रोड स्थित एसआरएफ फैक्ट्री के सामने से शुरू होकर बाजपुर रोड स्थित सेठी पेट्रोल पंप के पास समाप्त होगा। इस मार्ग पर पूर्व में हल्के वाहनों के गुजरने के लिए तीन चौथाई भाग में हूम पाइप डालकर सिगल सड़क बनाई गई थी। इसे तोड़ा जाएगा। इस टू-वे बाइपास की चौड़ाई करीब 25 फीट और लंबाई करीब साढे़ चार किमी होगी। रोड के दोनों तरफ साइड में नालियां बनाई जाएंगी और रोड के बीचो-बीच लगे बिजली के खंभों को हटाकर रोड किनारे लगाया जाएगा। इस टू-वे बाईपास रोड से भारी वाहन गुजर सकें, इसके लिए सड़क में लगाए जाना वाला मसाला (बेस क्रांकिट )1:3:6 के अनुपात में बनाया जाएगा। उन्होंने बताया कि गुरुवार को विभाग के सहायक अभियंता मोहम्मद इमरान, अपर सहायक अभियंता विनोद कुमार ने सर्वेयर देवेंद्र रावत व प्रदीप कुमार के साथ एसआरएफ के सामने इसका सर्वे शुरू कर दिया है। करीब 10 दिन में सर्वे कार्य पूर्ण हो जाएगा। इसके बाद प्रोजेक्ट बनाकर विभाग विस्तृत प्राकलन के लिए शासन को भेजेगा। यह 20 करोड़ की राशि बढ़ घट भी सकती है।