दिल्ली जाने वाली बसों की टाइमिग गड़बड़ाई
किसान आंदोलन के कारण रुद्रपुर से दिल्ली जाने वाली बसों की टाइमिंग गड़बड़ाई।
जागरण संवाददाता,रुद्रपुर : किसान आंदोलन की गर्मी ने दिल्ली को झुलसा रखा है। वहीं दूसरी तरफ वहां जा रहे यात्रियों के लिए परेशानी बढ़ी है। जिसका प्रभाव सीधे परिवहन निगम पर दिखाई दे रहा है। हालत यह है कि रुद्रपुर डिपो से रोजाना करीब नौ बसें नई दिल्ली आनंद बिहार बस टर्मिनल के लिए रवाना की जाती हैं। मगर आंदोलन के चलते बसों के छूटने का समय गड़बड़ाया ही है साथ ही यात्रियों की संख्या में भी गिरावट आई है। बीते सप्ताह ही शुक्रवार की रात को ही मुरादाबाद, रामपुर से ही सभी बसों को वापस लौटना पड़ा था। तब से स्थिति में कोई सुधार नहीं है। करीब 20 से 30 फीसद ही सवारियां मिल पा रही हैं।
रुद्रपुर डिपो से नई दिल्ली के लिए कुल नौ बसें चल रही हैं। इसमें सुबह सात बजे से 12 बजे पूर्वाह्न तक करीब पांच बसें रवाना हो जाती हैं। बाद में शाम तक अन्य बसों को रवाना किया जाता है। मगर कोरोना संक्रमण के बढ़ते मामलों के साथ ही दिल्ली में किसानों के आंदोलन ने बसों के आवागम पर प्रभाव डाला है। रोजाना जहां डिपो को करीब पांच लाख तक की आय हो रही थी उस पर काफी प्रभाव पड़ा है।
स्टेशन इंचार्ज ब्रम्हानंद ने कहा कि दीपावली के एक सप्ताह तक यात्रियों का लोड बढि़या रहा। बाद में एकाएक कोरोना संक्रमण की रफ्तार व बीते सप्ताह किसानों के बिल के खिलाफ आंदोलन ने इसमें और प्रभाव डाल दिया है। ...
आधा से एक घंटे तक देरी से चल रही बसें
दिल्ली रूट पर चल रही नौ बसों की टाइमिग जहां सुबह सात बजे से ही शुरू है। जिसमें एक-एक बस में 30 से 35 यात्रियों को ले जाने में टाइमिग बेपटरी हो गई है। आधा घंटा से लेकर एक -एक घंटे तक बसों को विलंब से ले जाना पड़ रहा है। मंगलवार को भी पांच बसों को दोपहर दो बजे तक रवाना किया जा सका। तब तक कोई यात्री नहीं मिला था। इंसेट ---
यात्रियों का नहीं रख रहे ब्योरा
एआरएम रुद्रपुर डिपो राकेश कुमार ने कहा कि दिल्ली जाने वाले यात्रियों का ब्योरा प्रपत्र पर भरकर जमा किया जाता है। लेकिन उसकी कोई कार्बन कापी नहीं रखी जा रही है। वहीं यहां पर दिल्ली से आ रहे यात्रियों का कोई रिकार्ड रखने की पहल नहीं शुरू की गई है। जबकि यह कोरोना संक्रमण काल को देखते हुए दिल्ली की तर्ज पर यहां भी होना चाहिए। टाइमिग पर भी थोड़ा फर्क जरूर पड़ा है। उम्मीद है कि कुछ दिनों में ही व्यवस्था पटरी पर आ जाएगी।