Move to Jagran APP

..तो निगम अब कोर्ट को करेगा गुमराह

संवाद सहयोगी, रुद्रपुर : नगर निगम व जिला प्रशासन ने सोमवार को शहर से अतिक्रमण हटाने की

By JagranEdited By: Published: Mon, 16 Apr 2018 07:22 PM (IST)Updated: Mon, 16 Apr 2018 07:22 PM (IST)
..तो निगम अब कोर्ट को करेगा गुमराह
..तो निगम अब कोर्ट को करेगा गुमराह

संवाद सहयोगी, रुद्रपुर : नगर निगम व जिला प्रशासन ने सोमवार को शहर से अतिक्रमण हटाने की पहल न कर अपने लिए ही मुसीबत मोल ले ली है। 25 अप्रैल को दोनों को हाई कोर्ट की अवमानना का कोर्ट में जवाब दाखिल करना है। ऐसे में सवाल यह कि वह कोर्ट में अब नगर को अतिक्रमण से मुक्त कराने को क्या तस्वीर पेश करेगा। नगर में फुटपाथ, नालियों व ग्रीन बेल्ट पर हुए बेशुमार अस्थायी व स्थायी अतिक्रमण से हो रही जनता को समस्या से निजात दिलाने के लिए शहर की संस्था प्रतिज्ञा दि ओथ ने हाई कोर्ट में जन हित याचिका दाखिल की है, इस पर डेढ़ साल पूर्व ही कोर्ट ने इस अतिक्रमण को हटाने के आदेश दे दिए थे। नगर निगम ने 1180 अतिक्रमण भी तब चिह्नित किए, पर आगे की कार्रवाई ठंडे बस्ते में डाल दी गई। इस पर अब हाई कोर्ट ने एमएनए व डीएम को कोर्ट की अवमानना का नोटिस जारी किया है। जिसका दोनों अधिकारियों को 25 अप्रैल को कोर्ट में जवाब दाखिल करना है। इसी को लेकर जिला व नगर निगम तय तिथि तक शहर को अतिक्रमण से मुक्त करा इसकी साफ सुथरी तस्वीर कोर्ट में पेश करना चाहता है, पर मंगलवार से शुरू हुए अतिक्रमण हटाओ अभियान में अब तक दुकानों के आगे सिर्फ अस्थायी अतिक्रमण के तहत टीन टप्पर ही हटे हैं। जबकि सबसे ज्यादा फुटपाथ पर अतिक्रमण कर स्थायी निर्माण किया गया है। जिसकी अब तक कारोबारियों ने एक ईंट तक नही हटाई है। अब जबकि अतिक्रमण हटाने की लंबी प्रक्रिया तय कर दी है तो इस अतिक्रमण कोर्ट में तय तिथि तक हट पाना संभव नहीं नजर आ रहा है। नगर निगम कहीं मंगलवार को चंद दुकानों को तोड़ने की तस्वीरें कोर्ट में पेश कर कोर्ट को गुमराह तो नहीं करेगा।

loksabha election banner

Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.