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ग्राम प्रधानों के कंधों पर क्वारंटाइन सेंटर का जिम्मा

विलेज क्वारंटाइन को लेकर सरकार ने आदेश तो जारी कर दिए लेकिन प्रधानों को कोई सहयोग नहीं दिया गया।

By JagranEdited By: Published: Sun, 24 May 2020 01:23 AM (IST)Updated: Sun, 24 May 2020 06:07 AM (IST)
ग्राम प्रधानों के कंधों पर क्वारंटाइन सेंटर का जिम्मा
ग्राम प्रधानों के कंधों पर क्वारंटाइन सेंटर का जिम्मा

संवाद सूत्र, जसपुर: विलेज क्वारंटाइन को लेकर सरकार ने आदेश तो जारी कर दिए, लेकिन प्रधानों को कोई सहयोग नहीं दिया गया है। प्रधान रोजाना पांच सौ रुपये से लेकर एक हजार रुपये तक अपनी जेब से खर्च कर क्वारंटाइन लोगों की सेवा में लगे हैं। वहीं, बीडीओ विलेज क्वारंटाइन के लिए जिला मुख्यालय से दस हजार रुपये की रकम आने की बात कह रहे हैं।

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सरकार के तुगलकी फरमान प्रधानों के लिए काफी मुश्किल पैदा कर रहे हैं। एक तरफ वह क्वारंटाइन किए गए लोगों की देखभाल को रकम खर्च कर रहे हैं तो दूसरी और उन्हें अपने स्वास्थ्य की भी चिता सता रही है। दरअसल, बाहरी राज्यों से आ रहे प्रवासी मजदूरों के ठहरने के लिए सरकार ने प्रत्येक पंचायत में विलेज क्वारंटाइन सेंटर बनाए हैं। इनकी देखभाल का जिम्मा प्रधानों को दिया गया है। जसपुर ब्लाक में भी प्रत्येक ग्राम पंचायत में एक-एक सेंटर बनाया गया है। इस तरह से कुल 52 सेंटर बने हैं। इन सेंटरों में क्षमता के हिसाब से लोगों को क्वारंटाइन किया गया है। सेंटरों में लोगों को क्वारंटाइन तो कर दिया, लेकिन उनके भोजन इत्यादि के लिए प्रधानों को अभी तक रकम मुहैया नहीं कराई गई है। हालांकि सरकार ने प्रत्येक पंचायत को दस हजार रुपये देने की बात कही है।

रायपुर के ग्राम प्रधान कमरूददीन ने बताया कि वह चार एसपीओ के साथ रोजाना कंटेनमेंट जोन बने रायपुर के सीएचसी में क्वारंटाइन छह लोगों की देखभाल कर रहे हैं। गांव में दो कोरोना पॉजिटिव मिलने से उन्हें भी स्वास्थ्य की चिता सता है। परिजन भी सेंटर पर जाने को मना करते हैं। बावजूद इसके वह अपनी जिम्मेदारी और फर्ज समझते हुए क्वारंटाइन लोगों की पूरी देखभाल कर रहे हैं। बताया कि सरकार ने अभी तक एक रुपये भी इस बाबत उनके खाते में नहीं डाला है। बीडीओ राजेंद्र बिष्ट ने बताया कि सेंटर खर्च के लिए प्रधानों को जिला मुख्यालय से रकम आवंटित होगी।

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इन्सेट-

रायपुर में स्क्रीनिंग हुई पूरी

जसपुर: रेपिड रिस्पांस टीम के प्रभारी डा. राजीव गौतम बताया कि शुक्रवार को ग्रामीणों की थर्मल स्क्रीनिंग के लिए चार टीमों का गठन कर करीब सात सौ परिवारों की स्क्रीनिंग कराई गई थी। शनिवार को 267 परिवारों की स्क्रीनिंग की गई। बताया कि इस दौरान खांसी, जुकाम बुखार के मरीज नहीं मिले। बताया कि महाराष्ट्र से आए पिता में कोरोना के लक्षण मिलने और पुत्र की रिपोर्ट निगेटिव आने के बाद चिकित्सा टीम कुछ दिन बाद बेटे का पुन: सैंपल लेगी।


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