Udham Singh Nagar : बोर्ड बैठक में जिला पंचायत अध्यक्ष के विशेषाधिकार के खिलाफ सदस्यों ने पास कराया प्रस्ताव
ऊधम सिंह नगर जिला पंचायत की बुधवार को बोर्ड बैठक हुई। बैठक में सदस्य जिला पंचायत अध्यक्ष के खिलाफ ही प्रस्ताव ले आए। जिला पंचायत सदस्यों ने अपने अध्यक्ष के 25 प्रतिशत बजट खर्च करने का विरोध किया और प्रस्ताव पास भी करा लिया।
जागरण संवाददाता, रुद्रपुर : जिला पंचायत के इतिहास में पहली बार ऐसा हुआ, जब जिला पंचायत अध्यक्ष के 25 प्रतिशत बजट खर्च करने के विशेषाधिकार के विरुद्ध जिला पंचायत सदस्य प्रस्ताव ले आए। काफी विरोध के बीच सदस्यों प्रस्ताव पास भी करा लिया।
मंत्री गणेश जाेशी के खिलाफ निंदा
दूसरी तरफ जिला पंचायत सदस्य हरदेव सिंह ने जिला प्रभारी मंत्री गणेश जोशी की तरफ से जिला योजना में जिला पंचायत को बजट न देने पर आक्रोश प्रकट किया। इतने पर बात नहीं बनी तो निंदा प्रस्ताव रख दिया। बाद में किच्छा विधायक तिलकराज बेहड़ के हस्तक्षेप के बाद सदस्य निंदा प्रस्ताव न लाने पर मान गए। सदस्यों ने 14 करोड़ रुपये की देनदारी को लेकर जिला पंचायत को कटघरे में खड़ा किया। कुल 16 प्रस्ताव पास किए गए।
बजट न मिलने पर आक्रोश
जिला पंचायत बोर्ड की बैठक बुधवार को पूर्वाह्न सवा 11 बजे जिला पंचायत अध्यक्ष रेनू गंगवार की अध्यक्षता में शुरू हुई। सदस्यों ने पुराने प्रस्तावों में टेंडर न करने और निर्धारित बजट आवंटित न होने पर आवाज उठाई। सभी का कहना था कि बजट न मिलने से विकास कार्य आगे नहीं बढ़ पा रहे हैं। बैठक में पहली बार आए डीएम युगल किशोर पंत ने कहा कि टेंडर प्रक्रिया पारदर्शी रखी जाए। जिस दिन टेंडर खुले उसी दिन आर्डर जारी किया जाना चाहिए। इसके बाद डीएम आवश्यक बैठक की बात कहकर अध्यक्ष की अनुमति लेकर चले गए। बैठक में नानकमत्ता विधायक गोपाल सिंह राणा भी पहुंचे।
14 करोड़ की देनदारी पर सवाल
जिला पंचायत सदस्य चंद्रशेखर मुंडेला और विपिन कुमार ने जिला पंचायत पर 14 करोड़ की देनदारी पर सवाल उठाए। साथ ही सितंबर तक बकाया भुगतान कराने की मांग रखी। अपर मुख्य अधिकारी जिला पंचायत तेज सिंह ने आश्वस्त किया कि जल्द भुगतान कराया जाए। विधायक किच्छा तिलक राज बेहड़ ने कहा कि तीन साल से बकाया भुगतान कब कराएंगे, यह बताना जरूरी है। सदस्यों ने कहा कि 50 लाख के जो टेंडर हुए थे, उनका भुगतान कराया जाए। जिला पंचायत सदस्यों ने मांग रखी कि जो भी बजट शासन से मिले वह समान रूप से सदस्यों में विकास कार्यों के लिए बांटा जाए।
दो-दो विधायकों के हस्तक्षेप के बाद भी प्रस्ताव पास
उस वक्त बोर्ड बैठक में सन्नाटा छा गया जब जिला पंचायत सदस्य विपिन कुमार, चंद्रशेखर मुंडेला सहित कई सदस्यों ने जिला पंचायत अध्यक्ष रेनू गंगवार के खिलाफ प्रस्ताव रख दिया। जिसमें कहा कि बजट में 25 प्रतिशत बजट खर्च करने के विशेषाधिकार को खत्म किया जाना चाहिए। प्रस्ताव को लेकर किच्छा विधायक तिलकराज बेहड़ व नानकमत्ता विधायक गोपाल सिंह राणा ने हस्तक्षेप करने की कोशिश की, लेकिन सदस्य नहीं माने और प्रस्ताव पास भी हो गया।
नानकमत्ता विधायक ने मांगी डिग्री कालेज के लिए जमीन
नानकमत्ता विधायक गोपाल सिंह राणा ने सुनखरी में डिग्री कालेज निर्माण के लिए जिला पंचायत की जमीन दिए जाने को लेकर प्रस्ताव रखा, जिसे सदन में पूर्ण सहमति के बाद पास कर दिया गया। विधायक किच्छा तिलकराज बेहड़ ने कहा कि इस बार जिला योजना समिति की बैठक में विधायकों को विकास कार्यक्रम के लिए 30 लाख रुपये का बजट आवंटित किया गया। यह नाकाफी है और सरकार की जनविरोधी मानसिकता को दर्शाता है। जिला योजना में इतनी कम राशि पहली बार आवंटित की गई है। अब तक विधायक निधि के लिए भी बजट नहीं मिल सका है। ऐसे में विकास कार्यक्रम कैसे शुरू होंगे।
जिला पंचायत सदस्यों का मानदेय बढ़ाने की मांग
बैठक में जिला पंचायत सदस्य विपिन कुमार, आसना अहमद, हरदेव सिंह, चंद्रशेखर मुंडेला व अरविंद कुमार ने जिला पंचायत सदस्यों का मानदेय पांच हजार रुपये की मांग दोहराई। सदस्यों का आरोप था कि बार-बार सिर्फ प्रस्ताव लेकर सदस्यों की भावनाओं के साथ खिलवाड़ किया जाता है।
जिला योजना में जिला पंचायत को नहीं मिली फूटी कौड़ी
जिला पंचायत सदस्य हरदेव सिंह व अरविंद कुमार, आसना अहमद ने कहा कि जिला योजना समिति की बैठक में जिला पंचायत सदस्यों को बजट आवंटित नहीं किया गया। इससे वह खुद को ठगा महसूस कर रहे हैं। यह पहली बार हुआ है कि जिला पंचायत को बजट नहीं दिया गया। विधायक किच्छा व नानकमत्ता ने भी कहा कि यह बहुत ही चिंता का विषय है। बोर्ड बैठक में एजेंडे के नौ प्रस्ताव रखे गए जो पास कर दिए गए। बाकी सात नए प्रस्ताव सदस्यों, विधायक किच्छा सहित नानकमत्ता विधायक की तरफ से रखे गए। बैठक में अपर मुख्य अधिकारी तेज सिंह, प्रभारी कार्याधिकारी कमलेश बिष्ट सहित सभी जिला पंचायत सदस्य मौजूद थे।
अनुपस्थित अधिकारियों के खिलाफ निंदा प्रस्ताव पारित
बैठक में अपराह्न दो बजे से जिलास्तरीय अधिकारियों की बैठक में अनुपस्थित लोनिवि काशीपुर के अधिशासी अभियंता, जिला उद्योग केंद्र महाप्रबंधक के विरुद्ध सदन में निंदा प्रस्ताव रखा गया जो ध्वनिमत से पास हो गया। अपर मुख्य अधिकारी जिला पंचायत तेज सिंह ने बताया कि बोर्ड बैठक के दूसरे सत्र में जिलास्तरीय अधिकारियों की उपस्थिति बेहतर रही। सिर्फ दो अधिकारी जिला उद्योग केंद्र के महाप्रबंधक व लोनिवि काशीपुर के अधिशासी अभियंता बैठक में नहीं पहुंचे। उनके खिलाफ निंदा प्रस्ताव पास किया गया। साथ ही मुख्य चिकित्सा अधिकारी, शिक्षा, पेयजल निगम व लोनिवि में जो शिकायतें जिला पंचायत सदस्यों की थीं उन पर चर्चा की गई।
अधिकारी नहीं देते सकारात्मक जवाब
सदस्यों ने मांग रखी कि अधिकारियों की तरफ से विकास कार्यक्रमों को लेकर सकारात्मक जवाब नहीं दिया जाता है। पेयजल निगम की अधिशासी अभियंता मृदुला सिंह ने आश्वस्त किया कि पेयजल से संबंधित जो भी समस्या मिलेगी उनका निस्तारण वह खुद करने का प्रयास करेंगी। जिला पंचायत सदस्यों की तरफ से क्षेत्र की समस्याएं लिखित तौर पर दी गई हैं। अगली बैठक में इन सभी के समाधान की रिपोर्ट ली जाएगी।