खटीमा में सीडीपीओ के खिलाफ धरने पर बैठीं सुपरवाइजर
खटीमा में सीडीपीओ पर वेतन रोकने बिना कारण स्पष्टीकरण मांगने का आरोप लगा सुपरवाइजर धरने पर बैठीं।
संवाद सहयोगी, खटीमा : सीडीपीओ पर वेतन रोकने, बिना कारण स्पष्टीकरण मांगने का आरोप लगाते हुए बाल विकास परियोजना कार्यालय में कार्यरत सुपरवाइजर शुक्रवार को धरने में बैठ गईं। बताया कि छह माह बाद वह सेवानिवृत्त हो रही हैं, उनका बेवजह मानसिक उत्पीड़न किया जा रहा है। दोपहर के बाद जनप्रतिनिधियों के समझाने पर धरने से उठ गई। हालांकि मांग पूरी होने तक बांह पर काली पट्टी बांधकर कार्यालय में बैठने की बात कही है।
शुक्रवार को सुपरवाइजर सुषमा जौहरी ने कार्यालय के आगे धरना शुरू कर दिया। आरोप था कि सीडीपीओ ने मौखिक आदेश कर समूह के माध्यम से आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को टीएचआर का खाद्यान्न सेंटर में वितरण करने के निर्देश दिए हैं। जून तक उन्होंने समूह के माध्यम से खाद्यान्न बांटा। तब सीडीपीओ ने दुकान से खरीदकर टीएचआर वितरण करने की शिकायत मिलने की बात कही। इस पर स्पष्टीकरण मांगकर मानसिक उत्पीड़न किया जा रहा है। इस दौरान ब्लाक प्रमुख रंजीत सिंह नामधारी, कांग्रेस के प्रदेश महामंत्री भुवन कापड़ी आदि भी धरना स्थल पर पहुंचे। सभी के समझाने पर जौहरी ने स्थगित कर दिया है। जौहरी ने कहा कि मांगों का निस्तारण होने तक वह बांह पर काली पट्टी बांधकर कार्यालय में अपना विरोध जताएंगी।
इधर, सीडीपीओ मंजूलता यादव ने कहा कि उनकी नाराजगी दूर कर दी गई है। सुपरवाइजर को गलतफहमी हो गई थी। टीएचआर समूह के माध्यम से कुछ ही जगह बांटा जा रहा है।