Move to Jagran APP

रेस के ट्रैक पर छात्र हार गया ¨जदगी की रेस

डॉ. मानसी ¨सह, काशीपुर जीत का सपना संजोए छात्र को पता भी नहीं था कि वह बस चंद मिनटों म

By JagranEdited By: Published: Tue, 21 Aug 2018 08:24 PM (IST)Updated: Tue, 21 Aug 2018 08:24 PM (IST)
रेस के ट्रैक पर छात्र हार गया ¨जदगी की रेस
रेस के ट्रैक पर छात्र हार गया ¨जदगी की रेस

डॉ. मानसी ¨सह, काशीपुर

loksabha election banner

जीत का सपना संजोए छात्र को पता भी नहीं था कि वह बस चंद मिनटों में रेस के ट्रैक पर ¨जदगी की रेस हार जाएगा। अभ्यास के दौरान वह गिर गया। इससे खिलाड़ियों में हड़कंप मच गया। आनन-फानन उसे निजी चिकित्सालय जब पहुंचाया गया, तब तक वह ¨जदगी की रेस हार चुका था। डॉक्टर ने उसे मृत घोषित कर दिया।

मुरादाबाद, बिलारी के निवासी आरके बहुगुणा किसी सरकारी विभाग में कार्यरत हैं। उनके पुत्र पंकज बहुगुणा (21 वर्ष) अपने भाई हेमंत बहुगुणा के साथ आरके पुरम कॉलोनी में किराये पर रहता था। पंकज राजकीय पॉलीटेक्निक कॉलेज के केमिकल ट्रेड के तृतीय वर्ष का छात्र था और हेमंत द्वितीय वर्ष का छात्र है। दोनों रोजाना बैड¨मटन का अभ्यास करने स्पो‌र्ट्स स्टेडियम में जाते थे। शनिवार शाम दोनों ने स्टेडियम में पहले बैड¨मटन खेला व उसके बाद 200 मीटर की रेस लगाने लगे। इसी दौरान पंकज गश खाकर गिर गया। खिलाड़ियों ने उसे आनन-फानन में मोहल्ला गिरीताल स्थित एक निजी चिकित्सालय पहुंचाया, जहां पर डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। परिजन बिना पोस्टमार्टम कराए शव लेकर मुरादाबाद चले गए।

---------------

स्टेडियम में हुई मौत का जिम्मेदार आखिर कौन !

स्टेडियम लोग ¨जदगी को संवारने के लिए जाते हैं, लेकिन काशीपुर स्टेडियम तो पंकज के लिए यमराज बन गया। उसकी मौत से अनेक सवाल खड़े हो रहे हैं। पंकज स्टेडियम में पंजीकृत नहीं था। बावजूद इसके वह काफी समय से वहां प्रैक्टिस करने जाता था। इस तरह के न जाने कितने खिलाड़ी रोज वहां अनेक खेलों की प्रैक्टिस करते हैं। सवाल है कि स्टेडियम प्रशासन, प्रभारी व सुरक्षा गार्ड गैर पंजीकृत लोगों को खेलने क्यों देते हैं। बजट के अभाव में न कोच हैं न पंजीकृत खिलाड़ी। इसलिए करीब एक माह से प्रशिक्षण बंद है। यही नहीं तमाम लड़कियां भी विभिन्न खेलों की प्रैक्टिस करने आती हैं। यदि उनके साथ कोई हादसा हो जाए तो इसका जिम्मेदार कौन होगा। जब प्रशिक्षण बंद है तो फिर किस आधार पर स्टेडियम में अभ्यास के लिए अनुमति दी जाती है। यह बड़ा सवाल है।

-----------

मुझे पता नहीं था कि वह हमारे यहां पंजीकृत नहीं था। मेरे पास काशीपुर व जसपुर दो जगह का प्रभार है। जब समय मिलता है आता हूं। बजट के अभाव में कोच भी नहीं हैं। पहले एक गार्ड था, अब वह भी नहीं है। घटना की जानकारी मिलते ही मैंने जिला क्रीड़ा अधिकारी को अवगत करा दिया है। जो भी होगा जिला स्तर पर होगा।

-शाहिद हुसैन, स्टेडियम प्रभारी, काशीपुर

--------------

इस समय खेल बंद हैं। लेकिन चौकीदार व कुछ कर्मचारी रहते हैं। वह लोग गैर पंजीकृत खिलाड़ियों को आने के लिए मना करते हैं, लेकिन उनके अभिभावक व खिलाड़ी लड़ाई-झगड़े पर उतर आते हैं। मामला मेरे संज्ञान में आ चुका है। एसडीएम से बात करके गैर पंजीकृत लोगों का स्टेडियम में प्रवेश बंद कराया जाएगा।

-राशिका सिद्दीकी, जिला क्रीड़ा अधिकारी, ऊधम¨सह नगर ...


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.