छाप छोड़ गए आइपीएस सदानंद दाते
जागरण संवाददाता, रुद्रपुर : आइपीएस डॉ. सदानंद दाते जिले पर अपनी गहरी छाप छोड़ गए। 19 माह
जागरण संवाददाता, रुद्रपुर : आइपीएस डॉ. सदानंद दाते जिले पर अपनी गहरी छाप छोड़ गए। 19 माह के कार्यकाल में उनकी ईमानदारी और कार्यशैली ने लोगों को अपना दीवाना बना दिया। राज्य की सबसे लंबी और बड़ी एनएच-74 मुआवजा घोटाले की जांच टीम के वह मुखिया रहे। पांच पीसीएस अधिकारियों समेत 24 आरोपितों को उन्होंने जेल का रास्ता दिखाया। कई संगीन वारदात का खुलासा उनके कार्यकाल में ही हुआ। अवैध खनन और ओवरलो¨डग के लिए चर्चित इस जिले में संगठित गिरोह पर शिकंजा उनकी बड़ी कामयाबी रही।
22 मार्च 2017 को चार्ज संभालने के बाद दाते का पहला कदम जिले में पुलिस की छवि को सुधारना था। इसके लिए उन्होंने चौकी और थानों में फेरबदल किया। कोशिश की कि थानों में फरियादियों की सुनवाई हो और उन्हें अफसरों की दौड़-धूप न करनी पड़े। काफी हद तक वह इसमें सफल भी रहे। एनएच मुआवजा घोटाले की जांच का जिम्मा दाते को सरकार ने भरोसे के साथ दिया। दाते ने इस जांच को सीबीआइ की तर्ज पर किया। ऐसे में सीबीआइ जांच की मांग कर रहे विपक्षी दल कांग्रेस का मुंह भी बंद हो गया। 211 करोड़ के इस घोटाले की जांच में दाते ने पांच पीसीएस अफसरों समेत 24 को जेल का रास्ता दिखाया। टीडीसी गेहूं बीज घोटाला, स्वास्थ्य विभाग का टीए बिल घोटाला और शिक्षक भर्ती घोटाले की एसआइटी जांच भी उनके निर्देशन में बखूबी हुई। उन्होंने राजेश मान हत्याकांड, करतारपुर रोड पर बंद बक्से में मिली महिला की लाश, किच्छा समीर हत्याकांड का खुलासा, महिलाओं की तस्करी का भंडाफोड़ कर अपराधियों को सलाखों के पीछे भेजा। साथ ही नशा तस्करों के खिलाफ जिले में बड़ा अभियान चलाया। स्कूल, कालेज और शैक्षिक संस्थानों में नशे के खिलाफ जागरूकता अभियान चला छात्र-छात्राओं और आम जनता के बीच लोकप्रिय रहे। इधर, शनिवार को दाते के तबादले का समाचार मिलते ही राजनीतिक, सामाजिक, व्यापारिक संगठनों के साथ ही आम जनता एसएसपी कार्यालय पहुंच गई। इंसेट------------
मान हत्याकांड का खुलासा बड़ी उपलब्धि
वर्ष 2015 में प्रीत विहार निवासी भाजपा नेता राजेश मान लापता हो गए थे। मामले में पुलिस ने गुमशुदगी दर्ज कर जांच शुरू की थी। दो साल तक पुलिस जांच में ही सिमटी रही। एसएसपी डॉ. सदानंद दाते के चार्ज संभालने के बाद मामला उनके संज्ञान में पहुंचा तो उन्होंने जांच के आदेश दिए। इस पर पुलिस ने जांच कर राजेश मान के हत्यारोपित पुत्र समेत तीन लोगों को गिरफ्तार कर लिया था। इंसेट-------
दफन 555 मिसाइल निष्क्रिय के लिए रहा योगदान
21 दिसंबर 2004 को काशीपुर की चीनी मिल स्थित एसजी स्टील फैक्ट्री में स्क्रैप आया था। स्क्रैप को काटने के दौरान इसमें मौजूद एक मिसाइल फट गई थी। इससे एक व्यक्ति की मौत हो गई थी। जांच में पता चला कि स्क्रैप में 67 बड़ी और 488 छोटी मिसाइल हैं। मिसाइलों को जसपुर की पतरामपुर चौकी के पास जमीन में दबा दिया गया था। कई साल बीतने के बाद एसएसपी डॉ. सदानंद दाते ने मिसाइल निष्क्रिय करने को पीएचक्यू को पत्राचार किया था। इसके बाद डीएम के निर्देश पर कमेटी गठित कर मिसाइल निष्क्रिय करने का काम शुरू हो गया है। इंसेट-----------
आपरेशन धमाका में शामिल माओवादी दबोचे
एसएसपी डॉ. सदानंद दाते के नेतृत्व में पुलिस ने बिहार में एक दशक पहले हुए आपरेशन धमाका में शामिल दो माओवादी रमेश और मनोज को गिरफ्तार किया था। उनसे माओवाद से जुड़ा साहित्य भी बरामद हुआ था। पुलिस पूछताछ में पता चला कि वह सिडकुल की फैक्ट्रियों में काम करने वाले श्रमिकों को संगठन में जोड़ने की तैयारी कर रहे थे। इंसेट-------------
सीसीटीवी से लैस किया जिला
एसएसपी सदानंद दाते ने अपराध पर अंकुश लगाने के लिए जिलेभर के थाना क्षेत्रों को सीसीटीवी कैमरों से लैस किया। विधायक निधि की मदद से करीब 65 लाख की लागत से जिलेभर में डेढ़ सौ से अधिक कैमरे लगाए गए। साथ ही एसएसपी कार्यालय में कंट्रोल रूम की स्थापना भी की गई ताकि सीसीटीवी कैमरों के जरिए मॉनीट¨रग की जा सके। इनसेट----------
भाजपाइयों के निशाने पर भी रहे दाते
सही को सही और गलत को गलत कहने वाले सदानंद दाते के निशाने पर सत्तारूढ़ दल के नेता भी रहे। विधायक राजकुमार ठुकराल से भी उनकी ठनी रही। यहां तक कि एक साथ कई भाजपा विधायक दाते के विरोध में मुख्यमंत्री तक पहुंचे, लेकिन दाते की साफ छवि के आगे उनकी दाल नहीं गली।