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छह ने लिया नाम वापस, 16 वार्डों में होंगे चुनाव

ग्राम पंचायत सदस्य की 81 सीटों के लिए कुल 109 नामांकन हुए थे। जांच के बाद 11 नामांकन निरस्त पाए गए थे।

By JagranEdited By: Published: Thu, 12 Dec 2019 11:56 PM (IST)Updated: Fri, 13 Dec 2019 06:11 AM (IST)
छह ने लिया नाम वापस, 16 वार्डों में होंगे चुनाव
छह ने लिया नाम वापस, 16 वार्डों में होंगे चुनाव

जागरण संवाददाता, रुद्रपुर : ग्राम पंचायत सदस्य की 81 सीटों के लिए कुल 109 नामांकन हुए थे। जांच के बाद जहां 11 नामांकन निरस्त पाए गए थे। गुरुवार को दोपहर डेढ़ बजे तक छह दावेदारों ने नामांकन वापस कर लेने के बाद चुनाव मैदान में अब 92 प्रत्याशी बचे हैं। इनमें 58 प्रत्याशियों के निर्विरोध निर्वाचित होना तय है। कुल 16 वार्डो में 19 दिसंबर को मतदान कराया जाएगा। सभी प्रत्याशियों को प्रतीक आवंटन भी शाम तक कर दिया गया।

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बीडीओ विशाल मिश्रा ने बताया कि सुबह दस बजे से दोपहर डेढ़ बजे तक नामांकन वापसी की प्रक्रिया में कुल छह दावेदारों ने नामांकन वापस ले लिए। इनमें वार्ड नंबर पांच छिनकी से आसिया, वार्ड नंबर पांच छिनकी से ही लक्ष्मण प्रसाद, वार्ड नंबर नौ से फैजान खान, वार्ड नंबर नौ खमिया नंबर दो से खुशाल सिंह, वार्ड नंबर दो कच्ची खमरिया से आसमा, वार्ड नंबर एक शिमला पिस्तौर से नरगिस परवीन का नाम शामिल है। बीडीओ ने बताया कि नामांकन वापसी के बाद सभी प्रत्याशियों को प्रतीकों का आवंटन कर दिया गया है। कुल 81 वार्डो में से 16 वार्डों में ही चुनाव कराया जाना है। वहीं 58 प्रत्याशियों के सामने प्रतिद्वंदी न होने से इनके निर्विरोध निर्वाचित होने का रास्ता साफ हो गया है। आगामी 19 दिसंबर को 16 वार्डो में चुनाव कराया जाना है।

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आरक्षण के फेर में फिर फंसी रफीनगर ग्राम पंचायत

संस, गूलरभोज: पंचायत चुनाव की आरक्षण प्रक्रिया सवालों के घेरे में है। अनुसूचित जाति बाहुल्य ग्राम पंचायत रफीनगर का ग्राम प्रधान पद नई आरक्षण प्रक्रिया के तहत अनुजजा.महिला के लिए आरक्षित कर दिया गया। ग्राम पंचायत के रिक्त पदों को भरने के लिए हुई चुनाव प्रक्रिया में दोबारा एक महिला प्रत्याशी का नामांकन खारिज होने से ग्राम प्रधान पद पर संशय गहरा गया है।

तीन माह पूर्व त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में सीटों के आरक्षण को लेकर जिले के कई क्षेत्रों से लगातार सवाल उठे हैं। इस कड़ी में ब्लॉक गदरपुर की रफीनगर ग्राम पंचायत भी शामिल थी। 1107 मतदाताओं वाली ग्राम पंचायत के निवर्तमान ग्राम प्रधान सोमेश सिंह खुद अनुसूचित जाति से ताल्लुक रखते हैं। तीन माह पूर्व चुनाव प्रक्रिया के दौरान ग्राम पंचायत को आरक्षण व्यवस्था के तहत अनुसूचित जनजाति महिला के लिए आरक्षित कर दिया गया था। नतीजतन एकमात्र महिला उम्मीदवार का नामांकन खारिज होने से चुनाव प्रक्रिया अधर में फंस गई थी। सबसे रोचक बात यह रही कि पूरी मतदाता सूची में महज तीन मतदाता ही एसटी वर्ग के हैं। ग्राम पंचायत के रिक्त पदों को भरने के लिए हाल ही में हुई चुनाव प्रक्रिया में ग्राम प्रधान पद पर कंचन रानी पत्नी आकाश ने दोबारा नामांकन दाखिल कर दिया। नामांकन पत्रों की जांच के दौरान गांव निवासी बल्देवराज दहूजा ने कंचन रानी की कम आयु को लेकर आपत्ति दर्ज करा दी। आपत्ति सही पाई जाने पर आरओ एलडी जोशी ने कंचन रानी का नामांकन खारिज कर दिया। मालूम हो कि पूरे प्रकरण में कंचन रानी के दोनों ही नामांकन शिकायतकर्ता बल्देवराज दहूजा की आपत्ति के बाद खारिज किए गए हैं। नामांकन खारिज होने से ग्राम पंचायत को फिलहाल बगैर प्रधान के काम चलाना पड़ेगा।


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