मौसम का कर्फ्यू गांव में कैद हुए सात सौ परिवार
सितारगंज में बैगुल के जलस्तर में बढ़ोतरी होने से नदी ने अब अपना रौद्र रूप दिखाना शुरू कर दिया है।
जासं, सितारगंज: बैगुल के जलस्तर में बढ़ोतरी होने से नदी ने अब अपना रौद्र रूप दिखाना शुरू कर दिया है। चारो तरफ पानी ही पानी है। इससे बाढ़ प्रभावित इलाके के लोगों की स्थिति भयावह होती जा रही है।
पहाड़ों पर हुई वर्षा ने पहाड़ के साथ-साथ मैदानी इलाकों में भी अपना प्रकोप दिखाना शुरू कर दिया है। जलस्तर में हुई बढ़ोतरी से नदियां उफान पर है। जिससे नदियों के आस पास के इलाकों में बाढ़ जैसे हालात पैदा हो गए हैं। बाढ़ ने गुरुनानकनगरी, वनकुईया और गौढ़ी गांव में भी जमकर तबाही मचाई है। हालात यह है कि बाढ़ का पानी ग्रामीणों के घरों में घुस गया। तीनों गांवों को शहर से जोड़ने वाला पुल डूब गया। इसके साथ ही पानी के बहाव से गांव के कच्चे रास्ते बह गये। जिसकी वजह से ग्रामीण 72 घंटों से इस बाढ़ की मार खाकर अपने अपने गांवों में ही कैदी की तरह रहने को मजबूर हो गए। गुरुनानकनगरी गांव के पास आवागमन के लिये निर्मित जलपनिया पुल के ऊपर से 10 फिट तक पानी बहने लगा। इस कारण गुरुनानकनगरी के साथ ही पड़ोसी गांव वनकुईया, गौढ़ी के करीब 700 परिवार बाढ़ में फंस गये। ग्रामीण आदेश ठाकुर, रिकूं सिंह, ऊदल सिंह, कुलदीप सिंह, जसवंत सिंह, रेशम सिंह, झनकार सिंह, कृष्णपाल सिंह, राजेंद्र सिंह, मलकीत सिंह ने बताया कि रास्ते बहने और पुल डूबने से 700 परिवार तीन दिन से बाढ़ में फंसे रहे। घरों में जलभराव की स्थिति बनी है। खेत जलमग्न है। रात को बिजली नहीं होने से बाढ़ के हालात में ग्रामीण दहशत में जी रहे है। इसके बावजूद प्रशासनिक स्तर पर बाढ़ से प्रभावित 700 परिवारों की कोई सुध लेने नहीं पहुंचा। राजस्व उपनिरीक्षक पिटु कुमार ने बताया कि स्थलीय निरीक्षण कर रिपोर्ट तैयार की जाएगी।