विज्ञान लेखन से जुड़ी पत्रिकाएं कम होना चिंताजनक
डिपार्टमेंट आफ साइंस एंड टेक्नोलाजी की ओर से आयोजित इंडिया इंटरनेशनल साइंस फेस्टिवल में केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर सहित देश-विदेश के कई वैज्ञानिकों ने हिस्सा लिया।
जासं, पंतनगर : डिपार्टमेंट आफ साइंस एंड टेक्नोलाजी की ओर से आयोजित इंडिया इंटरनेशनल साइंस फेस्टिवल-2020 में केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर सहित देश-विदेश के कई वैज्ञानिकों ने हिस्सा लिया। इस दौरान इंडियन साइंस मीडिया पर विचार रखे। साथ ही विज्ञान लेखन पर जोर दिया गया।
दूसरे सत्र में साइंस न्यूज इन द मीडिया विषय पर आयोजित चर्चा में जीबी पंत कृषि एवं प्रौद्योगिकी विवि के कृषि महाविद्यालय के डीन डाक्टर शिवेंद्र कुमार कश्यप ने कम होती विज्ञान लेखन पर चिता जताई। सत्र के कोचेयर पर्सन डा. शिवेंद्र ने कहा कि विज्ञान लेखन का विषय सामान्य खबरों से भिन्न होता है, इसलिए विज्ञान लेखन की बखूबी जानकारी होनी चाहिए। इसके लिए प्रशिक्षण की जरूरत है। कहा कि विज्ञान विषय पर लिखते समय यह विशेष ध्यान रखना चाहिए कि किसके लिए खबर बनाई जा रही है। इसे समझना बेहद जरूरी है, किस मकसद के लिए खबर लिखी जा रही है। क्योंकि खबर लिखने वाला व पढ़ने वाले दो होते हैं। इसलिए पढ़ने वाला किस तरह की जानकारी चाहता है कि इसका ध्यान लेखन के समय होना चाहिए। कहा कि आज विज्ञान लेखन से जुड़ी पत्रिकाएं कम होती जा रही हैं, जो चिता का विषय है। इससे लोगों को विज्ञान से जुड़ी पूरी जानकारी नहीं मिल पाती हैं। इसलिए विज्ञान लेखन की पत्रिकाओं को जिदा करने की जरूरत है। इसके लिए स्कूल व कालेज स्तर पर कार्यक्रम आयोजित होने चाहिए और विद्यार्थियों को विज्ञान के प्रति प्रेरित किया जाना चाहिए। कार्यक्रम में डिपार्टमेंट आफ साइंस एंड टेक्नोलॉजी के सलाहकार मनोज कुमार पटैरिया, डा. जी महेश, डा. शेखर सी मंडे समेत अन्य कई वैज्ञानिक शामिल हुए।