20 दिन के भीतर मर्ज हो सकते हैं स्कूल
जागरण संवाददाता काशीपुर प्राइमरी स्कूलों का हाल किसी से छिपा नहीं। लंबे समय से विलीनीक
जागरण संवाददाता, काशीपुर : प्राइमरी स्कूलों का हाल किसी से छिपा नहीं। लंबे समय से विलीनीकरण का मामला अटका है, लेकिन अब जल्द ही स्कूलों के विलीनीकरण का मामला सुलझता नजर आ रहा है। उप शिक्षाधिकारी गीतिका जोशी ने स्कूलों के विलीनीकरण पर प्रस्ताव बनाकर भेजा है। अधिकारियों की माने तो 20 दिन के भीतर स्कूलों के मर्ज होने का काम पूरा सकता है।
छात्र संख्या कम होने की दशा में बंदी की कगार पर पहुंचने वाले स्कूलों एक बार फिर संजीवनी मिलने वाली है। इनके विलीनीकरण का मामला लंबे समय से अटका हुआ था। इसके लिए रुद्रपुर में जिलाधिकारी की अध्यक्षता में बैठक हो चुकी थी। इसके बाद काशीपुर में एसडीएम की अध्यक्षता में भी कई बार बैठके हुई थी। इसके बाद प्रस्ताव बनाने के लिए उप शिक्षाधिकारी को निर्देश दिए गए थे। इसके बाद अब प्रस्ताव बनाकर डीएम के पास भेज दिया गया है। इस प्रस्ताव को इस तरह से बनाया गया है कि इसमें 89 स्कूलों का विलीनीकरण किया जाएगा। इससे स्कूल में बेहतर शिक्षण कार्य हो सकेगा। इसके साथ ही व्यवस्थाएं भी सुधरेंगी। इनके मर्ज होने के बाद करीब 37 स्कूल खाली भी हो जाएंगे। अधिकारियों का कहना है कि इन खाली पड़े स्कूलों में अन्य शिक्षण कार्य भी हो सकेंगे। बताया कि इस प्रस्ताव को भेज दिया गया है। जिलाधिकारी नीरज खैरवाल के पास करने के बाद इस पर काम शुरू कर दिया जाएगा। बताया जाता है कि करीब 20 दिन के भीतर इन स्कूलों को मर्ज किया जा सकता है। इसके बाद शिक्षण कार्य भी प्रभावित नहीं होगा। वहीं इधर, उप शिक्षाधिकारी का कहना है कि प्रस्ताव भेज दिया गया है, लेकिन इसमें किसी भी तरह का संशोधन भी हो सकता है। फिलहाल यह प्रस्ताव तैयार हो चुका है। जिसमें स्कूलों और छात्रों का विलीनीकरण किया जा रहा है।
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यह बना है प्रस्ताव :-
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विलीनीकरण से पहले विद्यालय संख्या स्तर
राजकीय इंटर कॉलेज 7 1-12
रा.उ.मा.वि.हाईस्कूल 6 1-10,6-10, 9-10
राजकीय उ.प्रा. विद्यालय 25 1-8,6-8, 1-5
रा.प्रा.विद्यालय 89 1-5
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विलीनीकरण के बाद :-
कक्षा स्तर :-1-12, 6-12
विद्यालय संख्या - 7
कक्षा स्तर - 1-10, 9-10
विद्यालय संख्या - 6
कक्षा स्तर - 1-8, 6-8
विद्यालय संख्या - 25
कक्षा स्तर - 1-5
विद्यालय संख्या - 37
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वर्जन :---
डीएम को यह प्रस्ताव भेजा गया है। प्रपोजल बेहतर बनाया गया है। यह ड्रीम प्रोजेक्ट है। काफी समय से इस समस्या से दिक्कतें आ रही थी। जिनसे अब निजात मिल सकता है। विलीनीकरण के बाद स्कूलों में बेहतर शिक्षण कार्य हो सकेगा। इस प्रस्ताव में भी अगर कोई रोक आती है तो इसको भी संशोधित किया जा सकता है। फिलहाल यह प्रस्ताव भेजा गया है। जल्द ही धरातल पर उतरेगा।
-गीतिका जोशी, उप शिक्षाधिकारी, बीआरसी