मनरेगा में चार करोड़ का घोटाला लपेटे में पटल सहायक
सितारगंज ब्लाक मुख्यालय में चार करोड़ की गड़बड़ी ने लोगों की नींद उड़ा दी है।
मनीस पांडेय, रुद्रपुर
सितारगंज ब्लाक मुख्यालय में चार करोड़ की गड़बड़ी ने लोगों की नींद उड़ा दी है। इसमें एक ही विकास कार्य को कई बार दिखाकर भुगतान लिया गया है। भुगतान लेने वाली फर्म का भी नामोनिशान कहीं नहीं है। ऐसे में मनरेगा पटल सहायक सहित कई अधिकारियों की गर्दन इस मामले में फंसी हुई है।
सितारगंज के बलखेड़ा निवासी महिला ममता राना ने डीएम से मिलकर चार करोड़ की गड़बड़ी का आरोप लगाया है। इसमें साल 2016 से 2018 के बीच विभिन्न सीसी मार्ग, नाली व खड़ंजा आदि के नाम पर लाखों का बिल बनाया गया है। इस बिल का भुगतान उस कंपनी को किया गया है, जिसका वास्तव में कोई नामोनिशान ही नहीं है। जनसुनवाई के दौरान पहुंची महिला के आरोपों की जांच के लिए डीएम ने प्रभारी सीडीओ व पीडी हिमांशु जोशी को कागजात सौंप दिए। प्रभारी सीडीओ हिमांशु जोशी ने शिकायतकर्ता को डीडीओ के पास जाने के लिए कहा। वहां से पता चला कि इस मामले में पीडी हिमांशु जोशी पहले ही जांच कर चुके हैं, जिसमें सितारगंज के मनरेगा पटल सहायक किसन ¨सह बिष्ट की भूमिका संदिग्ध पाई गई है। ---इनसेट---
स्थानांतरण का भी नहीं असर सितारगंज में मनरेगा पटल सहायक की शासन में अच्छी पकड़ है। यही कारण है कि लगातार नौ साल से कोई स्थायी स्थानांतरण नहीं हो पाया। चार करोड़ की गड़बड़ी में नाम आने के बाद सीडीओ ने आरोपित का स्थानांतरण काशीपुर कर दिया था। लेकिन दो सप्ताह के अंदर वह फिर से मूल स्थान पर वापस आ गए। जबकि सीडीओ ने जाने से पहले बीते चार जनवरी को फिर से खटीमा स्थानांतरित कर दिया है। लेकिन अभी तक पटल सहायक ने चार्ज नहीं छोड़ा है। ---इनसेट---
तीन सदस्यीय दल करेगा जांच सितारगंज में चार करोड़ की गड़बड़ी के मामले में तीन सदस्यीय जांच दल का गठन किया गया है। डीडीओ अजय ¨सह ने बताया कि जांच दल में बीडीओ रुद्रपुर पल्लवी बिष्ट, मनरेगा के एबीडीओ एमसी जोशी व विकासखंड के लेखाकार चंद्रशेखर सुयाल को नामित किया गया है।
----वर्जन----
विकास कार्यों में गड़बड़ी बर्दाश्त नहीं की जाएगी। सितारगंज में लापरवाही का मामला सामने आया है, जिसकी जांच की जा रही है। जांच टीम की रिपोर्ट आने के बाद मामले में कार्रवाई की जाएगी।
-अजय ¨सह, डीडीओ, ऊधम¨सह नगर