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शहीदों के नाम से होंगी सड़कें व स्टेडियम

जागरण संवाददाता रुद्रपुर उत्तराखंड के सरकारी संस्थान स्कूल कॉलेज पार्क और सड़कों

By JagranEdited By: Published: Wed, 16 Oct 2019 11:41 PM (IST)Updated: Wed, 16 Oct 2019 11:41 PM (IST)
शहीदों के नाम से होंगी सड़कें व स्टेडियम
शहीदों के नाम से होंगी सड़कें व स्टेडियम

जागरण संवाददाता, रुद्रपुर : उत्तराखंड के सरकारी संस्थान, स्कूल, कॉलेज, पार्क और सड़कों को देश की खातिर शहीद होने वाले जांबाजों के नाम से जाना जाएगा। सरकार ने शहीदों के नामकरण से जुड़े मानक को बेहद सरल कर दिया है। जिला सैनिक कल्याण एवं पुनर्वास ने जिला खेल कार्यालय को पत्र भी दिया है। इसमें काशीपुर स्पो‌र्ट्स स्टेडियम का नाम शहीद जवान के नाम से रखने की अपील है।

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मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत ने भी कुछ दिन पहले उत्तराखंड के सरकारी संस्थान, स्कूल, कालेज, पार्क और सड़कों को देश की खातिर शहीद होने वाले जांबाजों के नाम से किए जाने की घोषणा की थी। मुख्य सचिव उत्पल कुमार सिंह ने इस पर कार्रवाई के लिए सभी अपर मुख्य सचिव, सचिव और डीएम को आदेश दिए थे। परिणामस्वरूप पहले जहां जिलों में डीएम की अध्यक्षता वाली कमेटी नामकरण पर निर्णय लेती थी, अब हर विभाग अपने स्तर से यह निर्णय लेगा। इससे ज्यादा से ज्यादा शहीदों के नाम से भवन-पार्क और सड़कें बनेंगी। इसके अंतर्गत आजादी के आंदोलन, विभिन्न युद्धों के साथ ही आंतरिक सुरक्षा और सीमांत झड़पों में प्राणों का बलिदान करने वाले सेना और अ‌र्द्धसैनिक बलों के शहीदों के नाम भी शामिल होंगे। इसकी पहल जिला ऊधमसिंह नगर में हो चुकी है। काशीपुर के शहीद मुकेश कुमार की पत्नी ज्योत्सना ने काशीपुर स्पो‌र्ट्स स्टेडियम का नाम अपने पति के नाम से रखने के लिए जिला सैनिक कल्याण एवं पुनर्वास को पत्र भेजा था। जिला क्रीड़ा अधिकारी रशिका सिद्दीकी ने बताया कि पत्र को निदेशालय भेज दिया गया है। बताया कि आगे की कार्रवाई के लिए वहीं से संस्तुति की जाएगी।

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हर जिले में स्थानीय शहीद का नाम

हर क्षेत्र में वहां के शहीद को प्रमुखता दी जाएगी। इससे स्थानीय लोग और युवा पीढ़ी अपने शहीदों के बारे जान सकेंगे। युवा पीढ़ी के लिए ये प्रतीक प्रेरणा का काम करेंगे।

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देश के लिए शहादत देने में उत्तराखंड सबसे आगे

देश की सीमाओं की हिफाजत की बात हो या फिर देश के भीतर अराजक तत्वों से मुकाबला, उत्तराखंड के जांबाज हर मौके पर आगे रहते हैं। उत्तराखंड गठन के बाद से अब तक उत्तराखंड के तीन सौ 63 से ज्यादा बहादुर बेटे भारतमाता की आन-बान-शान के लिए प्राणों का बलिदान दे चुके हैं। कारगिल युद्ध में शहीद हुए 525 सैनिकों में 75 उत्तराखंड से थे। देश की आजादी के आंदोलन में भी उत्तराखंड ने बढ़-चढ़कर भाग लिया था।

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इस संबंध में कुछ दिनों पहले शासन से पत्र प्राप्त हुआ था। इसके बाद काशीपुर की एक वीरांगना ने काशीपुर स्पो‌र्ट्स स्टेडियम का नाम पति के नाम पर रखने की मांग की। यह पत्र जिला सैनिक कल्याण एवं पुनर्वास की ओर से प्राप्त हुआ है, जिसे निदेशालय भेज दिया गया है। - रशिका सिद्दीकी, जिला क्रीड़ा अधिकारी यूएसनगर


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