आइएएस पंकज पांडेय के खिलाफ अभियोजन की अनुमति
प्रदेश के बहुचर्चित एनएच मुआवजा घोटाले में सरकार का रुख कड़ा है। निलंबित आइएएस अधिकारी पंकज पांडेय के खिलाफ सरकार ने अभियोजन की मंजूरी दे दी है।
जागरण संवाददाता, रुद्रपुर : प्रदेश के बहुचर्चित एनएच मुआवजा घोटाले में सरकार का रुख कड़ा होता जा रहा है। सरकार ने निलंबित आइएएस अधिकारी डॉ. पंकज पांडेय के खिलाफ अभियोजन की अनुमति दे दी है। इसके बाद एसआइटी जांच की गति और तेज होने की संभावनाएं बढ़ गई हैं।
एनएच-74 मुआवजा घोटाले में पहली बार किसी आइएएस अधिकारी के जेल जाने की संभावनाएं बन गई हैं। तत्कालीन डीएम डॉ. पंकज पांडेय पर स्थानांतरण आदेश के बाद आर्बिट्रेटर के रूप में निर्धारित तिथि से एक दिन पूर्व किसान के पक्ष में निर्णय करने का आरोप है। सरकार ने इस पर उन्हें निलंबित कर दिया था। निलंबित आइएएस पांडेय के निर्णय के जांच में आपराधिक कृत्य की श्रेणी में आने पर एसआइटी ने सरकार से अभियोजन की अनुमति मांगी थी। सरकार ने उसे केंद्र सरकार के पास भेज दिया था। बुधवार को सरकार ने अभियोजन की अनुमति एसआइटी को दे दी। अब डॉ. पंकज पांडेय के खिलाफ कार्रवाई तय मानी जा रही है। हालांकि एसआइटी के लिए फिलहाल उनकी गिरफ्तारी संभव नहीं है। ऐसा इसलिए क्योंकि डॉ. पांडेय उच्च न्यायालय की शरण में हैं और उच्च न्यायालय ने उनको राहत देते हुए सरकार से 30 अक्टूबर तक अपना पक्ष रखने को कहा है। ऐसे में 30 अक्टूबर तक पंकज पांडेय पर कार्रवाई एसआइटी के लिए मुसीबत भरा है। इनसेट ...
इनकी हो चुकी है गिरफ्तारी
-पांच नवंबर 2017
-भगत ¨सह फोनिया, निलंबित पीसीएस-मदन मोहन पडलिया, प्रभारी तहसीलदार-भोले लाल, प्रभारी तहसीलदार-राम समुज, अनुसेवक-अनिल कुमार, संग्रह अमीन-ओम प्रकाश, कृषक, जसपुर-चरन ¨सह, कृषक, जसपुर-जीशान, बिचौलिया
-21 नवंबर 2017
-विकास कुमार, राजस्व अहलमद
-23 नवंबर 2017
-दिनेश प्रताप ¨सह, पीसीएस अधिकारी -संजय चौहान, राजस्व अहलमद
-27 नवंबर 2017
-अर्पण कुमार, डाटा आपरेटर
-14 जनवरी 2018
-अनिल कुमार शुक्ला, एसडीएम-मोहन ¨सह, प्रभारी तहसीलदार
-15 जनवरी 2018
-संतराज, राजस्व अहलमद
-8 फरवरी 2018
-नंदन ¨सह नगन्याल, एसडीएम-अमर ¨सह, सहायक चकबंदी अधिकारी-गणेश
प्रसाद निरंजन, सहायक चकबंदी अधिकारी
-20 मार्च 2018
-प्रिया शर्मा, महिला बिल्डर्स-सुधीर चावला, बिल्डर्स
-8 जुलाई 2018
-रघुवीर ¨सह, प्रभारी तहसीलदार
-9 जुलाई 2018-तीरथ पाल ¨सह, निलंबित इनसेट ..
ये था मामला
भूमि मुआवजा घोटाले में एसआइटी जांच के दौरान भू अधिग्रहण के 15 मामलों में नियमों को ताक पर रखते हुए तत्कालीन भूमि अध्याप्ति अधिकारी कार्यालय द्वारा अभिनिर्णय आदेश पारित किए जाने की बात सामने आई थी। इसमें कृषि भूमि को अकृषि के साथ ही सरकारी भूमि को निजी दिखा करोड़ों का मुआवजा निर्धारण कर बंदर बांट की गई थी। इन सभी मामलों के वाद तत्कालीन डीएम डॉ. पंकज पांडेय और चंद्रेश यादव के न्यायालय में दायर हुए थे। सभी 15 वादों में आर्बिट्रेटर द्वारा पारित संशोधित निर्णय के आधार पर किसानों को चार गुना मुआवजा बांटे जाने का आरोप था। वर्जन ...
शासन ने निलंबित आईएएस डॉ. पंकज पांडेय के खिलाफ अभियोजन की अनुमति दे दी है। आदेश के अध्ययन के बाद एसआइटी नियमानुसार आगे की कार्रवाई करेगी।
-कृष्ण कुमार वीके, एसएसपी, ऊधम ¨सह नगर