संसद के शीतकालीन सत्र में भव्य मंदिर निर्माण को बिल लाए सरकार
संवाद सहयोगी, बाजपुर : महामंडलेश्वर कैलाशानंद महाराज ने पत्रकारों से वार्ता में कहा कि र
संवाद सहयोगी, बाजपुर : महामंडलेश्वर कैलाशानंद महाराज ने पत्रकारों से वार्ता में कहा कि रामजन्म भूमि का मुद्दा बहुत बड़ा है।
हमें उच्चतम न्यायालय पर बड़ी आस्था थी कि हमारे पक्ष में निर्णय देगा, लेकिन न्यायालय का निर्णय सुनने के पश्चात नि:संदेह सरकार व भारत की आम जनमानस को बड़ी ठेस पहुंची है। हमें लगने लगा है कि न्यायालय से कोई आश्रय मिलने वाला नहीं है। ऐसे में क्यों न हम संत समाज व रामभक्त एकत्र हों और न्यायालय को बताएं कि यह केवल एक व्यक्ति का विषय नहीं है, अपितु ¨हदू समाज का विषय है, हम कोई गैर संपत्ति नहीं मांग रहे हैं, वो जमीन पुस्तैनी, बपौती रामलला, सनातनी परंपराओं व अखाड़ों की है। रामलला के मंदिर को विवादित कर दिया गया है। भारत का संपूर्ण जन मानस यह मांग करता है कि केंद्र सरकार मंदिर निर्माण को लेकर विधेयक लाए। आज भारत का हर सन्यासी रामलला के लिए तैयार हो चुका है। विहिप के राष्ट्रीय प्रवक्ता डॉ. सुरेंद्र जैन ने कहा कि राम मंदिर निर्माण केवल विहिप नहीं, अपितु संपूर्ण संत व ¨हदू समाज की मांग है। हम इसमें राजनीति करना नहीं चाहते हैं, हम राजनीति को प्रभावित करना चाहते हैं। हम इसके केंद्र ¨बदू में नहीं रहना चाहते, ठीक करना चाहते हैं। न्यायालय को अपनी भूमिका पर पुन: विचार करना ही पड़ेगा। संसद के शीतकालीन सत्र में विधेयक लाने के सवाल पर कहा कि विधेयक लाएंगे इसमें हमारा पूरा विश्वास है, अगर किसी कारण से नहीं कर पाए तो प्रयागराज में होने वाले महाकुंभ में 31 जनवरी व एक फरवरी 2019 को प्रस्तावित धर्म संसद में संत समाज के साथ पूरी चर्चा होगी व आगामी निर्णय लिया जाएगा। ============
शंखनाद कार्यक्रम में हुआ गो-पूजन
बाजपुर : शंखनाद कार्यक्रम की शुरूआत करने से पूर्व विश्व ¨हदू परिषद के राष्ट्रीय प्रवक्ता डॉ. सुरेंद्र जैन, पूर्व सांसद बलराज पासी, जिला मंत्री यशपाल राजहंस व अन्य अतिथियों द्वारा कार्यक्रम स्थल पर ही गो-पूजन किया गया। ======= इन संतों तो किया सम्मानित
बाजपुर : शंखनाद कार्यक्रम में पहुंचे प्राचीन शिव मंदिर के महंत भगवान गिरि, सत्यम गिरि, अर¨वद गिरि, बाबा गंगा, विष्णु गिरि, पुरुषोत्तम गिरि आदि संत-महापुरुषों को मंच पर विराजमान किया गया। इसके साथ ही सभी को भगवा पटका व शॉल ओढ़ाकर सम्मानित भी किया गया।