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एफएसएल में सात संदिग्धों का पॉलीग्राफ टेस्ट

जागरण संवाददाता, रुद्रपुर : पठानकोट एयरबेस बम अटैक, दिल्ली हाईकोर्ट में हुए ब्लास्ट, शीना बोरा मर्डर

By JagranEdited By: Published: Tue, 13 Nov 2018 04:42 PM (IST)Updated: Tue, 13 Nov 2018 04:42 PM (IST)
एफएसएल में सात संदिग्धों का पॉलीग्राफ टेस्ट
एफएसएल में सात संदिग्धों का पॉलीग्राफ टेस्ट

जागरण संवाददाता, रुद्रपुर : पठानकोट एयरबेस बम अटैक, दिल्ली हाईकोर्ट में हुए ब्लास्ट, शीना बोरा मर्डर केस के साथ ही बहुचर्चित आरुषि हत्याकांड समेत कई मामलों में पॉलीग्राफ टेस्ट कर चुकी केंद्रीय जांच ब्यूरो दिल्ली की टीम ने ऊधम¨सहनगर में दो वारदात में संदिग्ध 13 लोगों का पॉलीग्राफ टेस्ट शुरू कर दिया है। विधि विज्ञान प्रयोगशाला के निदेशक डॉ. दयाल शरण के सीबीआइ को किए गए आवेदन के तहत मंगलवार को केंद्रीय न्यायिक विज्ञान प्रयोगशाला की विभागाध्यक्ष डॉ. आशा श्रीवास्तव के नेतृत्व में दो सदस्यीय टीम यहां पहुंची। टीम ने पहले दिन सात संदिग्ध लोगों का टेस्ट किया। बुधवार को शेष टेस्ट होंगे।

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बता दें कि 15 मार्च 2018 को खटीमा निवासी मान ¨सह की हत्या मामले में पुलिस टीम अब तक हत्यारों से दूर है। जांच में पुलिस को नौ संदिग्ध लोग मिले थे। इसके अलावा 27 अक्टूबर 2017 को नादेही क्षेत्र में घायल मिले युवक की अस्पताल में मौत हो गई थी। साक्ष्य न मिलने पर जांच सीबीसीआइडी को सौंपी गई थी। इस मामले की जांच में चार संदिग्ध मिले थे। इन 13 लोगों के पॉलीग्राफ टेस्ट को सीबीआइ मुख्यालय से केंद्रीय न्यायिक विज्ञान प्रयोगशाला की विभागाध्यक्ष डॉ. आशा श्रीवास्तव और वैज्ञानिक धन ¨सह की टीम मंगलवार को यहां पहुंची। टीम सात लोगों का टेस्ट कर चुकी है। जबकि छह लोगों का टेस्ट बुधवार को होगा। इंसेट-------

जांच में अहम ऑटोमेटिक नर्वस सिस्टम

केंद्रीय न्यायिक विज्ञान प्रयोगशाला की विभागाध्यक्ष डॉ. आशा श्रीवास्तव ने बताया कि लाइव डिटेक्टर और पॉलीग्राफ टेस्ट में ऑटोमेटिक नर्वस सिस्टम अहम होता है। इसमें पूछताछ के दौरान संदिग्ध का रक्त चाप, श्वास की गति आदि की अहम भूमिका होती है। थर्ड डिग्री से इतर इस टेस्ट में वैज्ञानिक तरीके से पड़ताल कर साक्ष्य जुटाए जाते हैं। पूछताछ के दौरान मशीन की तरंगों से सच और झूठ का पता चलता है। इंसेट---------

रुद्रपुर में पहली बार हुआ टेस्ट

विधि विज्ञान प्रयोगशाला की स्थापना को यहां डेढ़ साल हो गए हैं। इस बीच प्रयोगशाला में कई टेस्ट किए गए, लेकिन पॉलीग्राफ टेस्ट के लिए दिल्ली सीबीआइ के प्रयोगशाला में जाना पड़ता था।


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