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पिंकी हत्याकांड : रडार पर था दुकान स्वामी, हो गई थी एफआईआर

राजेश शर्मा काशीपुर पिकी रावत की हत्या के बाद पुलिस का शक मोबाइल शॉप स्वामी मनीष चा

By JagranEdited By: Published: Sun, 27 Oct 2019 02:36 AM (IST)Updated: Sun, 27 Oct 2019 02:36 AM (IST)
पिंकी हत्याकांड : रडार पर था दुकान स्वामी, हो गई थी एफआईआर
पिंकी हत्याकांड : रडार पर था दुकान स्वामी, हो गई थी एफआईआर

राजेश शर्मा, काशीपुर: पिकी रावत की हत्या के बाद पुलिस का शक मोबाइल शॉप स्वामी मनीष चावला पर जा टिका था। शक इतना गहरा था कि उसके खिलाफ मुकदमा भी दर्ज हो गया था। पिकी के परिजन और पर्वतीय समाज के लोग दबी जुबान में दुकान स्वामी को इस हत्याकांड के लिए जिम्मेदार ठहरा रहे थे। शहर में तो यहां तक चर्चा थी कि मनीष ने ही सुपारी देकर पिकी की हत्या करवाई है। एक सप्ताह तक मनीष व उसके परिवार की मानो सांस ही अटक गई थी, लेकिन शनिवार को जब हत्याकांड का खुलासा हुआ तो सबकी जान में जान आई।

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पुलिस द्वारा किए गए अथक प्रयास के चलते आखिरकार असली आरोपित पकड़े गए और मनीष चावला को क्लीन चिट दे दी। दीपावली पर घर लौटने पर उसके परिजनों के आंखों में खुशी के आंसू झलक उठे।

18 अक्टूबर को गिरिताल रोड पर दिनदहाडे़ मोबाइल शॉप पर कार्यरत सेल्स गर्ल पिकी रावत की चाकू से गोदकर हत्या कर दी थी। पुलिस ने घटनास्थल का निरीक्षण करने के उपरांत मोबाइल शॉप स्वामी मनीष चावला को शक के आधार पर हिरासत में ले लिया था। प्रारंभिक जांच में पुलिस के अलावा पिकी के परिजन और पर्वतीय समाज के लोग भी यह समझ रहे थे कि इस हत्याकांड के पीछे मनीष का हाथ हैं। पुलिस ने पिकी के परिजनों की तहरीर पर मनीष के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कर उसे हिरासत में ले लिया था। लेकिन मनीष ने हिम्मत नहीं हारी। उसे पता था कि उसका इस हत्याकांड में हाथ नहीं हैं। उसने पूरे प्रकरण में पुलिस को पूर्ण सहयोग किया। पुलिस पूछताछ में मनीष ने पुलिस को बताया कि 17 अक्टूबर को शॉप पर तीन संदिग्ध युवक मोबाइल देखने आए थे। मनीष द्वारा बताए गए युवकों में से एक युवक घटना के दिन सीसीटीवी फुटेज में देखा गया। मनीष के बताए अनुसार गल्लें में पांच हजार रुपए भी मिले। यहां तक की घटना के रोज उसके दुकान में न होने और पिकी द्वारा मोबाइल पर पावर बैंक खरीदने की बात भी सच निकली। शुरू में पुलिस दो तीन लाइनों पर काम कर रही थी। लेकिन मनीष द्वारा बताई गई बातें सच निकलने के बाद पुलिस ने एक ही लाइन पर काम करना शुरू कर दिया और कड़ी दर कड़ी जोड़ते हुए हत्यारों तक जा पहुंची। इस मामले में विधायक हरभजन सिंह चीमा व व्यापार मंडल ने भी अपर पुलिस अधीक्षक डा. जगदीश चंद्र से किसी निर्दोष को न फंसाने की अपील की थी। पुलिस के अनुसार एक सप्ताह मनीष ने पुलिस को इस हत्याकांड के खुलासे को लेकर पूर्ण सहयोग किया है। शनिवार देर शाम पुलिस ने मनीष को घर भेज दिया।

:::::शक के आधार पर मनीष के खिलाफ दर्ज हुई थी एफआईआर: एएसपी-

एएसपी डा. जगदीश चंद्र ने बताया कि पिकी हत्याकांड में पुलिस ने शक के आधार पर दुकान स्वामी मनीष चावला के खिलाफ एफआइआर दर्ज की थी। प्रारंभिक जांच में पुलिस का शक मनीष चावला पर भी था। हत्या जैसे मामले में कोई निर्दोष न फंसे यह हमारा संकल्प था। पुलिस द्वारा की गई विस्तृत जांच के उपरांत वैधानिक साक्ष्यों के अभाव में पुलिस ने मनीष को क्लीन चिट दे दी और पिकी के असली हत्यारों को दबोच हत्याकांड का खुलासा कर दिया।


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