बोरों में भरे धान को नहीं मिलेगा मंडी में प्रवेश
किच्छा मंडी में धान बेचने के लिए लाना है तो वह ट्राली में खुला लाना होगा। बोरों में भरे धान को नहीं मिलेगा मंडी में प्रवेश।
जागरण संवाददाता, किच्छा : मंडी में धान बेचने के लिए लाना है तो वह ट्राली में खुला लाना होगा। बोरे में भरे धान को मंडी में प्रवेश पर्ची नहीं मिलेगी। देर रात हुए समझौते के बाद किसानों का आंदोलन समाप्त हो गया।
सोमवार को किसानों ने राइस मिलर व आढ़तियों पर उत्तर प्रदेश के धान को उत्तराखंड का दर्शा कर की जा रही धांधली के खिलाफ मोर्चा खोल दिया था और धरना भी दिया। दिन में एसडीएम विवेक प्रकाश, सभापति मंडी समिति कमलेंद्र सेमवाल, सचिव मंडी समिति विनोद लोहुमी से वार्ता के बाद भी किसान राजी नहीं हुए और राइस मिलर की पकड़ी धांधली पर उसका लाइसेंस निरस्त करने की मांग को लेकर वह धरने पर डटे रहे। दिन में चली कई दौर की वार्ता विफल रही। किसानों ने राइस मिलर की मिली भगत से बोरे में भर कर उत्तर प्रदेश के व्यापारियों का धान लाकर उसे स्थानीय किसानों की खतौनी पर चढ़ाने के खेल की जांच की मांग की थी। उसी दिन रात में भी टेंट लगाकर धरने पर बैठे रहे। इस पर प्रशासन हरकत में आ गया। उसी दिन देर रात एसडीएम विवेक प्रकाश, सीओ सुरजीत कुमार मंडी समिति कार्यालय में आढ़तियों और राइस मिलर से वार्ता के बाद खुला धान मंडी में लाने पर प्रवेश पर्ची देने की सहमति बनी। निर्धारित 10 हजार क्विटल के कोटे में वृद्धि के आदेश के बाद स्थानीय किसानों का धान तौल पर किसान सहमत हो गए। धरना समाप्त होने पर प्रशासन ने राहत की सांस ली।