अब किसानों के हित की सरकार चुनेंगे : चढ़ूनी
सितारगंज में केंद्र सरकार कृषि कानून को वापस लेने व एमएसपी की गारंटी की मांग को तैयार नहीं है।
जागरण संवाददाता, सितारगंज : केंद्र सरकार कृषि कानून को वापस लेने व एमएसपी की गारंटी की मांग को तैयार नहीं है। किसान अब सरकार बदलकर किसानों के हित की सरकार व प्रतिनिधि चुनेंगे। इसके लिए किसान आगामी चुनाव में भाजपा को हराने के लिए जी-जान से कार्य करेंगे। प्रत्येक सीट पर किसान पंचायत कर प्रत्याशी तय किये जाने में कोई बुराई नहीं हैं। किसान अपना विधायक चुनने की क्षमता रखते हैं। यह बात शनिवार नगर स्थित आगरा श्री गुरुद्वारे में किसानों से मिलने पहुंचे भारतीय किसान यूनियन (चढ़ूनी) के राष्ट्रीय अध्यक्ष गुरनाम सिंह चढ़ूनी ने प्रेस वार्ता में कही।
चढ़ूनी ने कहा कि केंद्र सरकार पूंजीपतियों के लिए काम कर रही है। क्षेत्र के चुने हुए प्रतिनिधि अपनी जनता की सुनने के बजाय अपनी पार्टी की नीतियों की बात करते हैं। वह लोकतंत्र में गुलामों की तरह पार्टी के थोपे निर्णय मानने को मजबूर हैं। कृषि कानून किसानों के हित में नहीं होने के बावजूद जनप्रतिनिधि अपनी सरकार के पक्ष में ही बोलने लगते हैं। जिस जनता ने उन्हें चुना है उनकी सुनने को तैयार नहीं हैं। उन्होंने कहा कि वोट किसानों, मजदूरों और व्यापारियों का है, लेकिन कंपनियां उन पर राज कर रही हैं। चढ़ूनी ने कहा कि भाजपा सरकार ने साफ किया है वह केवल एमएसपी घोषित करेंगे। सरकार एमएसपी पर भी वार्ता करने को तैयार नहीं है। एमएसपी पर खरीदने की गारंटी नहीं देते हैं। सरकार केवल पीडीएस में बंटने वाला राशन खरीदती है। इसमें केवल छह फीसद उपज की एमएसपी की खरीद होती है। उन्होंने कहा कि सरकार की गलत आयात नीति के कारण किसानों की उपज सस्ते दामों पर खरीद होती है। किसानों को हर साल एमएसपी नहीं मिलने से करीब चार लाख करोड़ का नुकसान हो रहा है। इस दौरान प्रदेश अध्यक्ष गुरसेवक सिंह महार, साहब सिंह बिजटी मौजूद रहे।