टूटे परिवार को निर्भया प्रकोष्ठ ने जोड़ा
दहेज कम लाने व बेटी पैदा होने पर प्रताड़ना का शिकार बनी महिला को राहत मिली है।निर्भया प्रकोष्ठ में कई बार हुई काउंसलिंग के बाद पति पत्नी का दोबारा घर बसाया गया।
जागरण संवाददाता, रुद्रपुर : दहेज कम लाने व बेटी पैदा होने पर प्रताड़ना का शिकार बनी महिला व उसके पति के बीच बिगड़े संबंध फिर से बेहतर हो गए हैं। निर्भया प्रकोष्ठ में में कई बार काउंसलिग के बाद यह मुमकिन हुआ। अब महिला व उसके परिजन एक-दूसरे के साथ रहने को तैयार हैं।
किच्छा निवासी महिला पिदर कौर ने बीते 31 सितंबर को निर्भया प्रकोष्ठ में की शिकायत में बताया था कि उसकी शादी 2014 में हुई। आरोप है कि शादी के कुछ समय बाद ही ससुराली उसे कम दहेज लाने के नाम पर ताने देने लगे। बाद में बेटी के जन्म के बाद उनका उत्पीड़न बढ़ गया। इससे परिवार टूटने की कगार पर आ गया। निर्भया प्रकोष्ठ की काउंसलर ईशू चंद्रा ने बताया कि पांच नवंबर को दोनों पक्षों को काउंसलिग के बुलाया गया। इस दौरान दोनों पक्षों ने एक-दूसरे के साथ बिना मतभेद रहने का वचन दिया। दोनों पक्षों के बीच हुए राजीनामा में कहा गया कि पति हर माह 500 रुपये पत्नी को उसके खर्च के लिए देगा। जबकि पत्नी भी अपनी जिम्मेदारियों का पूरा वहन करेगी। इस संबंध में स्टांप पेपर पर भी दोंनों पक्षों के बयान दर्ज किए गए। काउंसलिग में अधिवक्ता चंचल बाला, सहयोगी जया, किरन आदि ने सहयोग किया।