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सिडकुल में औद्योगिक इकाइयां उगल रहे जहरीला पानी

जागरण संवाददाता, सितारगंज: सिडकुल में लगे औद्योगिक इकाइयां जहरीला पानी उगल रही हैं, जि

By JagranEdited By: Published: Sun, 20 May 2018 08:26 PM (IST)Updated: Sun, 20 May 2018 08:26 PM (IST)
सिडकुल में औद्योगिक इकाइयां उगल रहे जहरीला पानी
सिडकुल में औद्योगिक इकाइयां उगल रहे जहरीला पानी

जागरण संवाददाता, सितारगंज: सिडकुल में लगे औद्योगिक इकाइयां जहरीला पानी उगल रही हैं, जिससे आसपास के गांवों का जनजीवन प्रभावित हो गया है। गांव वालों की शिकायत पर एनजीटी ने प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड से इकाइयों से निकलने वाले पानी की जांच कराई तो दो कंपनियों के पानी के नमूने फेल हो गए हैं, उन्हें नोटिस जारी किया गया है।

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सिडकुल में 85 औद्योगिक इकाइयां हैं। इनमें 16 फैक्ट्रियां ऐसी हैं, जो प्रदूषित पानी छोड़ती हैं। जानकार बताते हैं कि अधिकांश इकाइया गुप्त नालों के जरिए प्रदूषित जल की निकासी करते हैं, जिसका जहरीला पानी सार्वजनिक नालों से होते हुए खेतों में फैल जाता है। इससे फसलें बर्बाद हो रही है। हैंडपंपों से भी दूषित जल निकल रहा है। प्रदूषित जल से सिद्घ गब्र्याग के लोग सबसे अधिक प्रभावित है। उन्होंने एनजीटी में इसकी शिकायत भी की, जिसके बाद ही प्रदूषण नियत्रंण बोर्ड की टीम ने सिडकुल में पानी के नमूने लिए, जिसमें दो औद्योगिक इकाइयां के पानी के नमूने जांच के बाद फेल हो गए। सुरीन ऑटोमोटिव कंपनी के पानी में 52 मिलीग्राम प्रति लीटर अमोनियम नाइट्रोजन मिला है, जबकि मानक के तहत अधिकतम 50 मिलीग्राम प्रति लीटर होना चाहिए। वहीं वैस्ट्रन कंसोलिडेट कंपनी के पानी के नमूने की जांच में 5.28 मिलीग्राम प्रति लीटर निकिल की मात्रा पाई गई, जबकि मानक अधिकतम 3.0 होना चाहिए।

सिद्घ गब्र्याग गांव के प्रधान भूपाल बोरा ने बताया कि दो साल से गांव में प्रदूषित जल छोड़ा जा रहा है। उन्होंने जहरीले पानी को आबादी में छोड़े जाने को लेकर उद्यमियों से वार्ता की थी, जिसके बाद उद्यमियों ने बताया कि वे केमिकल युक्त पानी सीईटीपी को दे रहे है। लेकिन सीईटीपी प्लांट कर्मचारियों ने ग्रामीणों को बताया कि उद्योग उनसे ढाई एमएलटी के स्थान पर डेढ़ एमएलटी पानी का ट्रीटमेंट करा रहे हैं। प्रधान ने बताया कि प्रदूषित जल से सिद्घ गब्र्याग, लक्ष्मीझाला, कल्याणपुर आदि गांवों में दुर्गध आती रहती है।

-वर्जन

एनजीटी के निर्देश के बाद लिए गए नमूनों में दो फेल हो गए हैं। एक में मानक से ज्यादा अमोनियम नाइट्रोजन व दूसरे में निकिल की मात्रा ज्यादा पाई गई है। दोनों कंपनियों को नोटिस भेजे गए हैं, जिसमें मानक पूरा करने को कहा गया है।

- अंकुर कंसल, प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड अधिकारी


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