खटीमा दुग्ध संघ से मदर डेयरी अब नहीं ले रही दूध
कोरोना वायरस का आतंक जल्द नहीं थमा तो दुग्ध उत्पादकों को अर्जित होने वाला आर्थिक बजट गड़बड़ा सकता है।
संवाद सहयोगी, खटीमा : कोरोना वायरस का आतंक जल्द नहीं थमा तो दुग्ध उत्पादकों को अर्जित होने वाला आर्थिक बजट गड़बड़ा सकता है। लॉक डाउन के चलते संघ में क्षमता से अधिक दूध एकत्र हो गया है। मदर डेयरी मेरठ ने खटीमा दूध संघ से दूध की सप्लाई लेने से मना कर दिया है। जिससे संकट और बढ़ गया है संघ हर दूसरे दिन 20 हजार लीटर दूध मेरठ सप्लाई करता था।
उधम सिंह नगर दुग्ध उत्पादक सहकारी संघ से 10 हजार 9 सौ उत्पादक जुड़े हुए हैं। जिनसे प्रतिदिन 50 हजार लीटर दूध एकत्र किया जाता है। जिसमें लगभग 30 हजार लीटर दूध से आँचल के विभिन्न प्रोडक्ट बनाए जाते हैं। ने दूध को मदर डेयरी मेरठ सप्लाई किया जाता है। प्रोडक्ट भी खटीमा के अलावा पूरे जिले में सप्लाई किया जाता है। कोरोना वायरस को फैलने से रोकने को लॉक डाउन किया गया है। जिसके चलते दुकाने बंदे हैं कुछ ही दुकान मैं दूध व आचल के प्रोडक्ट की सप्लाई नाम मात्र हो पा रही है। जिसके चलते दूध संघ में स्टोरेज क्षमता से कहीं ज्यादा एकत्र हो गया है। जिस वजह से संघ ने बुधवार की शाम वह गुरुवार की सुबह की पाली वाला दूध लेने से उत्पादकों को मना कर दिया है जबकि गुरुवार की शाम वाली पाली से दूध लेने की बात कही है।
वर्तमान में दुग्ध शाला में क्षमता से कहीं अधिक दूध एकत्र हो गया है मेरठ दुग्ध संघ ने भी कोरोना के चलते सप्लाई लेने से मना कर दिया है। दुकानें बंद होने की वजह से की खपत बहुत कम हो गई है। इसलिए उत्पादकों से बुधवार और गुरुवार कि एक समय का दूध नहीं लिया जा रहा है जबकि गुरुवार शाम से लेना शुरू किया जाएगा। आगे की स्थिति देखते हुए निर्णय लिया जाएगा
-संजय डिमरी, प्रधान प्रबंधक दुग्ध उत्पादक सहकारी संघ खटीमा
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मिठाई व आइसक्रीम बनाने हो जाती थी खपत
सर्दियों मैं विवाह के सीजन में पनीर खोए की खपत हो जाती थी ऐसे ही गर्मियों में आइसक्रीम व मिठाई की दुकानों पर दूध की बिक्री ठीक-ठाक हो जाती थी लॉकडाउन की वजह से सब बंद है।