Uttarakhand Crime News: चार वर्षीय बच्ची से स्कूल में दुष्कर्म का प्रयास, आरोपितों की उम्र छह, 10 और 11 साल
Four Year Girl Molested सितारगंज में एक चौंकाने वाली घटना सामने आई है जहां स्कूल परिसर में तीन नाबालिग लड़कों ने चार साल की बच्ची के साथ दुष्कर्म का प्रयास किया। पुलिस ने बीएनएस की धारा 70(2) और पॉस्को एक्ट के तहत केस दर्ज किया है। बाल अधिकार संरक्षण आयोग सदस्य सुमन राय ने पीड़िता के घर जाकर मामले की जानकारी ली है।
जागरण संवाददाता, सितारगंज। Uttarakhand Child Abuse News: चार वर्षीय बच्ची के साथ स्कूल परिसर में तीन बालकों ने दुष्कर्म का प्रयास किया। जिनमें एक बालक की उम्र छह वर्ष है। जबकि दो अन्य बालकों की आयु 10 व 11 वर्ष हैं। एसएसपी ने बताया कि प्रकरण दुखद और गंभीर है। जिसमें किशोर अधिनियम के तहत विधि कार्रवाई की जा रही है।
एसएसपी मंजूनाथ टीसी ने मंगलवार को कोतवाली में मामले का पर्दाफाश करते हुए बताया कि सोमवार को गांव की एक महिला ने तहरीर देकर कहा था कि उसकी नाबालिग पुत्री के साथ गांव के ही स्कूल में कक्षा एक, दो और पांच में पढ़ने वाले तीन नाबालि छात्रों ने दुष्कर्म करने की शिकायत की थी।
पुलिस ने केस दर्ज कर पीड़ित नाबालिग का बयान दर्ज किया। जिसमें उसके गुप्तांगों से छेड़छाड़ करने की पुष्टि की। बाद में नाबालिग का सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में मेडिकल परीक्षण कराया गया।
बताया कि यौन अपराध की पुष्टि होने पर तीनों बालकों के विरुद्ध बीएनएस की धारा 70(2) और पॉस्को के तहत केस दर्ज कर लिया गया और छह वर्षीय, 10 वर्षीय और 11 वर्षीय तीन नाबालिगों को बाल कल्याण पुलिस अधिकारी ने उनके स्वजन के साथ संरक्षण में लिया गया।
बताया कि जल्द ही तीनों नाबालिगों को किशोर न्याय बोर्ड के समक्ष पेश किया जाएगा। जिसके बाद बोर्ड के फैसले के आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी। इधर छात्र के साथ दुष्कर्म का प्रयास करने की सूचना मिलने पर बाल अधिकार संरक्षण आयोग सदस्य सुमन राय ने पीड़िता के घर जाकर मामले की जानकारी ली। उन्होंने पीड़िता और उसके स्वजन की हर संभव मदद का भरोसा दिलाया।
बदल रही बच्चों की मनोविकृति
बच्चों की मनोविकृति अगर बदली है तो उसके पीछे घर का माहौल, संगत और इंटरनेट मीडिया पर प्रसारित होने वाले पॉर्न वीडियो हैं। जिस घर में महिला की इज्जत पति नहीं करेगा। बच्चा उसे देखकर उसी रास्ते पर चलने लगता है।
अगर किसी बच्चे से अपराध हुआ हैं तो उसे उस जुर्म के बारे में कुछ ज्ञान नहीं होता है। यह बात मनो चिकित्सक डा ईश डल्ला ने कही। क्षेत्र में चार वर्षीय मासूम के साथ तीन नाबालिग बच्चों ने दुष्कर्म का प्रयास किया। इस संगीन मामले के पीछे बच्चों की मनोदशा कैसे बदल गई।
इस पर दैनिक जागरण ने जवाहर लाल नेहरू जिला चिकित्सालय में तैनात मनो चिकित्सक डा ईश डल्ला से जानकारी ली। उन्होंने बताया कि इस तरह के मामले में अगर बच्चों का नाम आता हैं तो उसके पीछे कई कारण है। सर्वप्रथम जिन घरों में शिक्षा का अभाव है और महिलाओं की इज्जत नहीं की जाती। पिता नशेड़ी होता है और सबकुछ करता है। तब बच्चा इसे आदत में डाल लेता है।
दूसरा सोसायटी हैं, अगर तीन बच्चे है तो उसमें जो सबसे बड़ा है वह अन्य बच्चों को पोर्न वीडियो, नशे की आदत डालकर अपराध के लिए भड़का सकता है। उन्होंने बताया कि आजकल के आधुनिक माहौल में छोटे-छोटे बच्चों के हाथ में मोबाइल फोन दे दिए गए हैं। जिनमें बच्चे पॉर्न वीडियो भी देख सकते हैं।
पॉर्न वीडियो बच्चों में बढ़ते हारमोंस के बीच आग में घी की तरह काम करता है। परिवार का टूटना और मां-बाप की अनदेखी भी बच्चों पर बुरा प्रभाव डालते हैं उन्होंने बताया कि लेकिन एक बात साफ है कि छोटे बच्चे किसी न किसी से भड़ककर नशा और अपराध करते हैं। उन्हें अपराध का कोई इल्म ही नहीं होता हैं।
जबकि बच्चों को भड़काने वाले में अशिक्षा के प्रभाव के साथ घर, सोसायटी के अलावा आज के युग में पोर्न वीडियो भी हैं। उन्होंने सलाह दी कि माता-पिता को बच्चों की शिक्षा, सोसायटी पर पूरा ध्यान देना चाहिए।