Move to Jagran APP

मैकेनिकल के समकक्ष नहीं है प्रोडक्शन इंजीनियरिग

सुरेंद्र कुमार वर्मा पंतनगर एशिया के पहले कृषि विश्वविद्यालय पंतनगर के प्रौद्योगिकी महाविद्यालय

By JagranEdited By: Published: Thu, 18 Apr 2019 11:44 PM (IST)Updated: Fri, 19 Apr 2019 06:53 AM (IST)
मैकेनिकल के समकक्ष नहीं है प्रोडक्शन इंजीनियरिग
मैकेनिकल के समकक्ष नहीं है प्रोडक्शन इंजीनियरिग

सुरेंद्र कुमार वर्मा, पंतनगर : एशिया के पहले कृषि विश्वविद्यालय पंतनगर के प्रौद्योगिकी महाविद्यालय में प्रोडक्शन इंजीनियरिग की डिग्री को लेकर भ्रम की स्थिति पैदा हो गई है। विवि प्रशासन द्वारा मैकेनिकल के समकक्ष बताकर दिए गए दाखिले के बाद इस पाठ्यक्रम में डिग्री प्राप्त युवाओं के करियर पर अनिश्चितता के बादल मंडरा रहे हैं। इतना ही नहीं यह डिग्री लेकर नौकरी को भटक रहे युवाओं को न्यायालय ने भी ठुकरा दिया है। विभाग प्रमुख द्वारा एकेडमिक काउंसिल में इस पाठ्यक्रम को बंद करने की सिफारिश के बाद भी प्रवेश देकर युवाओं के भविष्य से खिलवाड़ किया जा रहा है।

loksabha election banner

मालूम हो कि जीबी पंत कृषि विवि के प्रौद्योगिकी महाविद्यालय में 1966 में स्थापित मैकेनिकल इंजीनियरिग ब्रांच में ही प्रोडक्शन इंजीनियरिग की भी पढ़ाई हो रही थी। वर्ष 1993 में मैकेनिकल इंजीनियरिग से प्रोडक्शन इंजीनियरिग अलग होकर एक स्वतंत्र ब्रांच के रूप में वजूद में आई। आल इंडिया काउंसिल फॉर टेक्निकल एजूकेशन (एआइसीटीई) से संबद्धता लेकर इस पाठ्यक्रम में छात्रों के प्रवेश को बढ़ावा देने के लिए विवि द्वारा प्रोडक्शन को मैकेनिकल इंजीनियरिग के समकक्ष बताते हुए नौकरियों में भरपूर अवसर मिलने को महिमा मंडित किया गया। नतीजतन इस पाठ्यक्रम में काफी बड़ी संख्या में युवाओं ने प्रवेश लिया। यह सिलसिला आज भी जारी है। मैकेनिकल की तुलना में प्रोडक्शन इंजीनियरिग कम महत्वपूर्ण होने का तब पर्दाफाश हो गया, जब प्रोडक्शन से डिग्री लिए बहुत से छात्रों को मैकेनिकल इंजीनियरिग छात्रों के मुकाबले नौकरी नहीं मिल सकी।

--------------

कैंपस प्लेसमेंट निराशाजनक, कोर्ट ने भी ठुकराया

पंतनगर : महाविद्यालय में प्लेसमेंट का कार्य देख रहे डॉ. अखिलेश कुमार ने भी इस पाठ्यक्रम के निराशाजनक प्रदर्शन की पुष्टि की। डॉ. कुमार ने बताया कि विवि में कैंपस प्लेसमेंट के लिए आने वाली कंपनियों की अन्य ब्रांचों के डिग्रीधारकों की तुलना में आखिरी पसंद होते हैं। यहां से प्रोडक्शन इंजीनियरिग की डिग्री लेकर निकले छात्रों ने जब मैकेनिकल इंजीनियरिग की पात्रता वाली नौकरियों में आवेदन किया तो सफल अभ्यर्थियों को मात्र इस वजह से रोक दिया गया कि वह प्रोडक्शन इंजीनियरिग की डिग्री को इसके मैकेनिकल के समकक्ष नहीं मानते। निराश छात्र जब इस मामले को लेकर न्यायालय गए, तो कोर्ट ने दो टूक निर्णय में प्रोडक्शन इंजीनियरिग का स्तर मैकेनिकल इंजीनियरिग के समकक्ष नहीं मानते हुए याचिका रद्द कर दी।

-----------

इस डिग्री का रिजल्ट बिल्कुल अच्छा नहीं है। यह पाठ्यक्रम बहुत मेधावियों के लिए है। औसत विद्यार्थी इसे नहीं कर पाते हैं। राष्ट्रीय स्तर पर इस मामले में एआइसीटीई व कोर्ट भी मदद नहीं कर रहे हैं। मेरे द्वारा इस मुद्दे को कई बार एकेडमिक काउंसिल में उठाने सहित डीन व कुलपति से सिफारिश की जा चुकी है, लेकिन इस विभाग को बंद करने में हमारे 11 फैकल्टी की आम राय नहीं है।

- डॉ. आरएस जादौन, विभाग प्रमुख-प्रोडक्शन इंजीनियरिग, पंत विश्वविद्यालय


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.