विशाल ट्रैक्टर रैली में उमड़ा जन-सैलाब
संसद में पारित तीन कृषि अध्यादेशों के विरोध में नगर में जन-सैलाब उमड़ पड़ा।
संवाद सहयोगी, बाजपुर : संसद में पारित तीन कृषि अध्यादेशों के विरोध में नगर में जन-सैलाब उमड़ पड़ा। कड़ी सुरक्षा-व्यवस्था के बीच निकली किसान-मजदूर आक्रोश ट्रैक्टर रैली में सैकड़ों की संख्या में किसानों व कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने अपने ट्रैक्टरों के साथ शिरकत कर जनविरोधी कानून को वापस लेने की मांग की। इस दौरान सरकार के विरोध में जोरदार नारेबाजी भी की गई।
वरिष्ठ कांग्रेसी व प्रदेश के प्रथम राष्ट्रपति युवा पुरस्कार विजेता जगतार सिंह बाजवा द्वारा पूर्व घोषित कार्यक्रमानुसार रविवार को सैकड़ों की संख्या में कार्यकर्ता व किसान अपने-अपने ट्रैक्टर लेकर कृषि उत्पादन समिति परिसर में एकत्र हुए जहां से मशहूर पंजाबी गायक कलाकार हैरी धनोआ ने हरी झंडी दिखाकर रैली की शुरूआत की, जोकि चीनी मिल रोड, गुरुद्वारा साहिब, मुख्यमार्ग पर इंटर कॉलेज मार्केट, भगत सिंह चौक, बेरिया मोड़, कोतवाली-तहसील, हल्द्वानी बस अड्डा से होते हुए लेबड़ा पुल पर पहुंची। वहां से पुन: यू-टर्न करके रामराज रोड से होते हुए कृषि उत्पादन मंडी समिति परिसर पहुंचकर रैली का समापन किया गया। रैली में कतारबद्ध शामिल सैकड़ों ट्रैक्टरों के आगे-पीछे पुलिस व पीएससी चल रही थी। इसके अलावा नगर में भी जगह-जगह भी फोर्स को लगाया गया था। एसडीएम एपी वाजपेयी, तहसीलदार प्रेम सिंह चौहान, सीओ दीपशिखा अग्रवाल व कोतवाल संजय पांडेय स्वयं प्रत्येक गतिविधि पर नजर रखे हुए थे। कार्यक्रम शांतिपूर्ण संपन्न होने पर प्रशासन ने राहत की सांस ली है। इस मौके पर कांग्रेस जिलाध्यक्ष जितेंद्र शर्मा, महिला कांग्रेस की जिलाध्यक्ष रीना कपूर, शिल्पी अरोरा, कांग्रेस पीसीसी सदस्य सुनीता टम्टा बाजवा, किसान नेता अजीत प्रताप सिंह रंधावा, बिजेंद्र सिंह डोगरा, वरुण कपूर, सुनील चानना, रेशम यादव, प्रेम सिंह यादव, राजेंद्र बेदी, बब्बू सैफी, साबिर हुसैन, दर्शन लाल गोयल, राजकिशोर आदि मौजूद थे।
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पंजाबी कलाकार ने गाना सुनाकर सरकार को ललकारा
रैली में शिरकत करने पहुंचे पंजाबी कलाकार हैरी धनोआ ने स्वरचित गाना- कान खोल के सुन गल साड़ी सरकारें, यूपी-यूके ते किसान तेरे तों दबने नहीं.., अर्थात किसान पर जब जुल्म होता है तो वह किसी से दबता नहीं है। वह ऐसी सरकारों को उखाड़ फेंकता है। उन्होंने अपने गानों के माध्यम से जहां किसानों को अपने अधिकारों के लिए लड़ने के लिए प्रेरित किया, वहीं सरकार को भी ललकारने का काम किया। उनके गाने सुनकर किसानों ने उनकी खूब हौसलाफजाई की। वहीं पत्रकारों से वार्ता के दौरान हैरी धनोआ ने कहा कि वह भी एक किसान के बेटे हैं और उनकी इनकम भी खेती-किसानी पर आधारित है। उन्होंने अधिकतर गाने कर्ज में डूबे किसानों व किसानों के ऊपर सरकारों द्वारा किए जाने वाले जुल्मों को लेकर ही बनाए हैं। वह इस काले कानून का पुरजोर विरोध करते हैं और केंद्र सरकार से मांग करते हैं कि किसान विरोधी कानून को तत्काल वापस लिया जाए।
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मन में भले ही कृषि बिलों के विरोध में आक्रोश भरा हुआ था, लेकिन किसान-मजदूर आक्रोश ट्रैक्टर रैली में किसान व कांग्रेसी काफी संयमित नजर आए। रैली के दौरान अपने-अपने वाहनों पर सवार किसान बीच-बीच में जोश भरने के लिए नारेबाजी भी कर रहे थे जिसमें जय जवान-जय किसान का नारा भी खूब गूंजता रहा।
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भगत सिंह चौक पर किया सांकेतिक चक्काजाम
किसान-मजदूर आक्रोश ट्रैक्टर रैली के दौरान स्थानीय प्रशासन में उस समय हड़कंप मच गया, जब कुछ युवा ट्रैक्टरों से उतरकर भगत सिंह चौक पर सड़क के बीचों-बीच चक्का-जाम कर बैठ गए और नारेबाजी करने लगे। हालांकि कुछ ही मिनटों में युवक वहां से उठकर अपने वाहनों पर पुन: पहुंच गए। अचानक हुई इस घटना से वहां मौजूद प्रशासनिक अधिकारियों व कर्मचारियों के साथ ही पुलिस में खलबली मच गई।