भगवान कृष्ण की लीला सुन लोग हुए मंत्र मुग्ध
संस, रुद्रपुर : श्री कृष्ण गोविंद हरे मुरारी हे नाथ नारायण वासुदेव की भजन पर श्रोता हुए मं
संस, रुद्रपुर : श्री कृष्ण गोविंद हरे मुरारी हे नाथ नारायण वासुदेव की भजन पर श्रोता हुए मंत्रमुग्ध। मंदिर मनकामेश्वर कल्याण आश्रम देवपुरी में भागवत कथा के पांचवें दिन शनिवार को स्वामी श्री नारायण चैतन्य स्वामी ने भगवान कृष्ण की बाल लीला पर प्रकाश डाली। कथा में कहा कि भगवान कृष्ण ही ऐसे एकमात्र देवता है जो जन्म से ही लीला दिखाने लगे। इतने विपरित परिस्थिति में कारावास में जन्म, गोकुल और वृंदावन में बाल क्रीड़ा के साथ ही अनेक लीला की। एक ओर बचपन में ही राक्षसों का संहार तो दूसरी ओर अपने बाल सखाओं के साथ गेंद खेलने के दौरान कालिया नाग से लोगों को मुक्ती दिलाई। वहीं राधा रानी और गोपियों संग रास लीला रचाई। उनके लीला से प्रभावित हो आज भी अपने बच्चों का नाम कृष्ण रखते है। स्वामी जी ने बताया कि कैसे भगवान कृष्ण ने गोकुल वासियों को इंद्र के कहर से गोबर्धन पर्वत को उठा बचाया। समाज के लोगों को कथा से सीख लेते हुए सत्य की मार्ग पर चलते हुए भगवत प्राप्ति के प्रयास में सदैव लगे रहना चहिए, जिससे अपने साथ की वह मनुष्य समाज का भी कल्याण कर सकता है। इन सभी को प्राप्त करने के लिए निश्छल प्रेम होना आवश्यक है। इस दौरान लालकुआं पालिका निवर्तमान अध्यक्ष रामबाबू मिश्रा, अमरनाथ झा, इंदू झा, गोपाल शास्त्री, अशोक मित्तल मौजूद रहे।