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प्रतापपुर मछली छाले में डकैतों का उत्पात

प्रतापपुर मछली छाले में डकैतों ने जमकर उत्पात मचाया।

By JagranEdited By: Published: Thu, 17 Jan 2019 07:31 PM (IST)Updated: Thu, 17 Jan 2019 07:31 PM (IST)
प्रतापपुर मछली छाले में डकैतों का उत्पात
प्रतापपुर मछली छाले में डकैतों का उत्पात

जागरण संवाददाता, किच्छा : प्रतापपुर मछली छाले में डकैतों ने जमकर उत्पात मचाया। एक दर्जन हथियार बंद बदमाशों ने मछली तालाब के ठेकेदार सहित छाले पर रहने वाले परिवार को बंधक बना 50 क्विंटल मछली लूट ली। बदमाश जाते-जाते चार हजार की नकदी व मोबाइल भी ले गए। पुलिस ने मामले को दबाने का भरसक प्रयास किया, लेकिन दो दिन बाद मामला सुर्खियां बटोरने लगा तो मुकदमा दर्ज कर लिया गया।

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प्रतापपुर में अखिलेश मिश्रा के खेत में बने तालाब को मो. कमर व उसके साले यासीन ने ठेके पर लिया है। मछली छाले की देखभाल के लिए मो. कमर पुत्र छोटे निवासी वार्ड नंबर आठ किच्छा के साथ ही महेंद्र प्रसाद पुत्र महादेव प्रसाद निवासी दानपुर करता है। सोमवार मध्य रात्रि बदमाशों ने तालाब के पास बनी झोपड़ी में सो रहे मो. कमर को बंधक बना लिया और वहां से सौ मीटर दूर घसीट कर ले गए। उसके बाद वे तालाब के किनारे बने कमरे के पास पहुंचे, जहां महेंद्र का परिवार सो रहा था। आहट सुन कर महेंद्र की नींद खुल गई। उसे कमरे के सामने आदमी टहलता दिखा। डंडा लेकर जैसे ही वह बाहर निकला, पांच लोगों ने उसे दबोच लिया। चिल्लाने पर उन्होंने बरामदे में हाथ-पैर व मुंह बांध दिया। अंदर सो रहे बच्चों को भी बंधक बना दिया। बाद में बदमाश तालाब में जाल डाल लगभग छह लाख कीमत की 50 क्विंटल मछली लूट ले गए। बदमाशों के जाने के बाद किसी तरह बंधनमुक्त होकर उन्होंने पड़ोस के फार्म में रहने वाले रामभगत का मोबाइल लेकर परिजनों व पुलिस को सूचना दी। पुलिस ने भी मौके पर पहुंच कर छानबीन की, लेकिन बदमाशों का कुछ पता नहीं लगा। पुलिस ने दो दिन के बाद अज्ञात बदमाशों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया।

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दो घंटे तक की लूटपाट पूरी तैयारी के साथ आए बदमाशों ने दो घंटे तक लूटपाट की। इत्मीनान से वे मछलियां निकाल इसे दो कैंटर में लोड करते रहे। बदमाश रात्रि 12 बजे के करीब पहुंचे और दो घंटे में जितना समेट सकते थे उतना समेट लिया।

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दो लाख का डाला था बीज

मो. कमर ने बताया कि लगभग दो लाख रुपये का मत्स्य बीज उनके द्वारा डाला गया था। एक वर्ष की सेवा के बाद मछलियां पूरी तरह से तैयार हो जाती थी उसके बाद लगभग उनकी कीमत 22 से 25 लाख के करीब मिलती थी। तालाब में मंगूर व बेकर प्रजाति के बीज डाले थे।


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