राजकीय पुस्तकालय को नसीब नहीं हो सकी जमीन
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जागरण संवाददाता, काशीपुर: शहर में जगह जगह अतिक्रमण है, मगर नगर निगम के पास राजकीय जिला पुस्तकालय शाखा के लिए जमीन नहीं है। ऐसे में निगम के जर्जर भवन में लाइब्रेरी चल रही है। थोड़ी सी बारिश होने पर छत टपकने लगती है। पढ़ने के लिए कुर्सियां आई हैं, मगर जगह के अभाव में इधर उधर पड़ी है। कई बार निगम प्रशासन को पत्र लिखा गया है, मगर जमीन का न होना के रोना रोकर निगम किनारे हो जाता है।
सड़क, शौचालय आदि भवन बनाने के लिए निगम के पास जमीन है। कई स्थानों पर अतिक्रमण भी है, मगर जहां पर लोग कुछ क्षण अध्ययन कर सके, उसके लिए निगम के पास जमीन नहीं है। नैनीताल जिला के समय राजकीय जिला शाखा जीजीआइसी काशीपुर में खोली गई। जिससे लोग कुछ समय निकाल कर सामान्य ज्ञान, साहित्य व अन्य विषयों से जुड़ी किताबों का अध्ययन कर सके। छात्राओं की संख्या बढ़ने पर जीजीआइसी में जब जगह कम पड़ी तो लाइब्रेरी वर्ष 1996-97 में नगर निगम एक कमरे में स्थापित कर दिया गया। उस समय तत्कालीन सांसद एनडी तिवारी ने लाइब्रेरी का उद्घाटन किया। पढ़ने वालों की संख्या बढ़ने पर लाइब्रेरी प्रभारी ने कई बार नगर निगम को पत्र देकर लाइब्रेरी के लिए जमीन उपलब्ध कराने की मांग की, मगर निगम प्रशासन इसे गंभीरता से नहीं लिया। बताया जा रहा है कि शहर में छोटा जीजीआइसी बड़े जीजीआइसी में शिफ्ट हो गया है। ऐसे में छोटा जीजीआइसी खाली पड़ा है। इसमें निगम प्रशासन चाहे तो लाइब्रेरी स्थापित कर सकता है। वर्तमान में जिस कमरे में लाइब्रेरी चल रही है, वह भवन जर्जर हो गया है। थोड़ी सी बारिश होने पर छत टपकने लगता है। इससे कई नई कुíसयां खराब हो गई हैं। किताबों को सुरक्षित रखने में लाइब्रेरी प्रभारी को काफी परेशानी हो रही है। लोगों को पढ़ने के लिए पर्याप्त जगह नहीं है। इससे लोग खासकर गरीब छात्र लाइब्रेरी का फायदा नहीं उठा पा रहे हैं। लाइब्रेरी में 13 हजार किताबें हैं। वर्जन
कई बार नगर निगम प्रशासन को पत्र भेजकर जमीन उपलब्ध कराने की मांग की गई, मगर अभी तक जमीन नहीं मिल सकी। इससे पढ़ने वालों को काफी परेशानी हो रही है।
मोहम्मद आसिफ, प्रभारी, राजकीय जिला लाइब्रेरी शाखा काशीपुर
वर्जन कुछ माह पहले पत्र मिला था। उस समय कुछ समस्याओं का समाधान किया गया था। उस समय का उनका कार्यकाल खत्म हो गया था। अब पत्र मिलेगा तो उस पर विचार किया जाएगा।
ऊषा चौधरी, मेयर, नगर निगम काशीपुर