अंग्रेजों के लिए कुमाऊंनी थी गद्दार कौम : जनरल कौशल
संवाद सहयोगी, पंतनगर: कुमाउंनियों को अंग्रेजों ने गद्दार कौम का दर्जा दे रखा था, क्योंकि कुमाउं
संवाद सहयोगी, पंतनगर: कुमाउंनियों को अंग्रेजों ने गद्दार कौम का दर्जा दे रखा था, क्योंकि कुमाउंनियों ने कालू माहरा के नेतृत्व में अंग्रेजों के खिलाफ लड़ाई लड़ी थी। इसमें अंग्रेजों ने विजय पाई और कालू माहरा को फासी पर चढ़ा दिया गया था। यह संस्मरण कुमाऊं रेजिमेंट के दिग्गज मेजर जनरल राज कौशल ने साझा किए। वह शुक्त्रवार सायं पंत विवि के गाधी हाल में कुमाऊं रेजिमेंट की ओर से आयोजित शेरॉन दिवस पर आयोजित कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। कुमाऊं राइफल्स ने फिलिस्तीन के 'शेरॉन' नामक जगह पर 19 सितंबर 1918 को लड़ी अपनी पहली लड़ाई में विजय प्राप्त की थी। इसकी 100वीं वर्षगाठ पर यह शेरॉन दिवस आयोजित किया गया था। इस अवसर पर विवि कुलपति प्रो. एके मिश्रा, अधिष्ठाता विद्यार्थी कल्याण, डॉ. आरएस जादौन एवं सुबेदार देव सिंह मंचासीन थे।
मेजर जनरल कौशल ने कुमाऊं राइफल्स से कुमाऊं रेजिमेंट बनने को इतिहास बता कहा कि इसकी स्थापना 23 अक्टूबर 1917 को हुई थी। कुमाऊं के एक सैनिक चंद्री ने बर्मा में अंग्रेजों की ओर से युद्ध लड़ते हुए बहादुरी दिखाई थी। वीरता का तमगा देने के दौरान उनकी इच्छा पर बाद में बरेली में कुमाऊं राइफल्स की स्थापना हुई। मेजर जनरल ने पंतनगर में मनाए गए इस दिवस को अपनी जिंदगी का यादगार दिन बताया।
कुलपति प्रो. मिश्रा ने कुमाऊं रेजिमेंट को सबसे पहला परमवीर चक्र प्राप्त करने वाली रेजीमेंट बताया, जिसमें अब 19 बटालियन हैं।
कार्यक्रम में सूबेदार लछम सिंह ने कुमाऊं रेजिमेंट एवं देश की प्रशंसा में गीत गाया तथा विवि के छात्र-छात्राओं द्वारा सास्कृतिक कार्यक्त्रम प्रस्तुत किए गए। रेजिमेंट के बैंड व आर्केस्ट्रा ने भी देशभक्ति के गानों की धुन पर धमाल मचाया। कार्यक्त्रम में मेजर जनरल कौशल ने कुलपति व विवि के अन्य अधिकारियों को स्मृति चिह्न प्रदान किया। कुलपति द्वारा भी मेजर जनरल कौशल एवं सूबेदार देव सिंह को शॉल ओढ़ाकर सम्मानित किया गया। इस अवसर पर कर्नल नवीन पीएन, विंग कमाडर आरएस जाधव, विवि के अधिकारी व कर्मचारी, कुमाऊं रेजिमेंट के अधिकारी, विवि की एनसीसी विंग के विद्यार्थी एवं बड़ी संख्या में छात्र-छात्राएं उपस्थित थे।