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जीवनदायिनी कल्याणी बनी जहरीली नदी

ऊधमसिंह नगर की जीवनदायिनी कल्याणी नदी अब इसमें लगातार गिराए जा रही सीवर की गंदगी के कारण जहरीली नदी में तब्दील हो गई है।

By JagranEdited By: Published: Mon, 11 Nov 2019 05:25 PM (IST)Updated: Mon, 11 Nov 2019 05:25 PM (IST)
जीवनदायिनी कल्याणी बनी जहरीली नदी
जीवनदायिनी कल्याणी बनी जहरीली नदी

जागरण संवाददाता, रुद्रपुर : जीवनदायिनी कल्याणी नदी का पानी सीवर के प्रदूषण से जहर में तब्दील हो गई है। शहर की सारी गंदगी नदी में गिराई जा रही है। इससे नदी के जल का बीओडी मानक से इतना ज्यादा बढ़ गया है कि इसमें जलीय जीव नहीं पनप सकते हैं। एनजीटी की सख्ती के बाद भी नदी को साफ करने में प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अफसर नाकाम साबित हो रहे हैं। इससे पीसीबी की कार्यशैली सवालों के घेरे में है।

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तराई में आबादी से पहले जब जंगल था तो कल्याणी नदी का जल इतना पवित्र था कि लोग इससे पूजा करते थे। नदी की पूजा भी की जाती थी। धीरे-धीरे शहर के विस्तार के साथ बढ़ी गंदगी इसी में डंप की जाने लगी। वर्तमान में नदी में शहर का प्रदूषित पानी 18 सीवरेज के जरिये गिरता है। पानी इतना काला है कि पता नहीं चलता कि नदी का पानी है या कल कारखाने से निकलने वाला प्रदूषित पानी। स्नान करना तो दूर, जानवर भी इसका पानी नहीं पीते हैं। पीसीबी के कहने पर जल निगम ने मई में कल्याणी नदी में गिरने वाले 18 सीवरेज के पानी की जांच कराई तो मानक से कहीं ज्यादा बीओडी यानी बॉयो आक्सीजन डिमांड पाई गई। बीओडी 30 से कम होना चाहिए, जबकि इसमें 48 मिलीग्राम प्रतिलीटर है। मानक से ज्यादा बीओडी होने पर नदी में जीव जंतु नहीं जिदा नहीं रह सकते हैं। फिर भी पीसीबी को नदी के प्रदूषित पानी की चिता नहीं है। इनसेट

नदी में गिरने वाले सीवरेज

अटरिया नाला, शिव नगर खटीको नाला, डीडी चौक से कल्याणी नदी रोडवेज वाला नाला, मीट मार्केट वाला नाला, रम्पुरा नाला, वृहस्पति देव मंदिर वाला नाला, अटरिया मेला नाला, मच्छी वाला नाला, श्मशान घाट वाला नाला, शिवनगर नाला नंबर एक, शिवनगर लोहे के पुल वाला नाला, काली मंदिर वाला नाला, रविद्र नगर मैदान वाला नाला, शिवनगर नाला 2,3 व चार, खटिक नाला, जेसीज पब्लिक के पीछे वाला नाला, दरिया नगर वाला नाला, काली मंदिर वाला नाला रम्पुरा, रविद्र नगर नाला एक व मुखर्जी नगर वाला । वर्जन

हर माह नदियों के पानी का नमूना जांच के लिए लिया जाता है। जांच रिपोर्ट के आधार पर कार्रवाई भी की जाती है।

-अनुराग नेगी, क्षेत्रीय अधिकारी, पीसीबी यूएस नगर


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