मूंज घास के गहनों से बढ़ेगी समृद्धि
सोने-चांदी के बजाय अब मूंज घास से बने गहने लोगों को समृद्ध करेंगे।
जागरण संवाददाता, रुद्रपुर : सोने-चांदी के बजाय अब मूंज घास से बने गहने लोगों को समृद्ध करेंगे। इसके लिए शासन स्तर पर योजना बनाकर काम किया जा रहा है। इसके लिए खटीमा क्षेत्र के सात गांवों का चयन किया गया है। जहां मूंज घास से विभिन्न उत्पाद तैयार किए जाने हैं।
ग्रामीण क्षेत्रों में मिलने वाली घास सरपत या मूंज से विभिन्न प्रकार के उपयोगी समान तैयार किए जाते हैं। इससे चूड़ी, ¨बदी व इअर पीस आदि गहने भी तैयार किए जा रहे हैं। नए ट्रेंड में इन्हें लोग पसंद भी कर रहे हैं। इस घास से विभिन्न उपयोगी सामान भी तैयार हो रहे हैं, जिनकी बाजार में अच्छी कीमत है। इसके लिए खटीमा क्षेत्र के फुलैया, सवैरा, बुटिया थारू, भूरा किशनी, कुटरा, सैजना, पहैनिया आदि गांवों में कौशल विकास पर काम किया जा रहा है। -----इनसेट------
आइआइटी मुंबई देगा प्रशिक्षण रुद्रपुर: मूंज घास के मजबूत होने से इससे बने उत्पाद भी काफी टिकाऊ होते हैं। जिले में इस घास पर हो रहे कौशल विकास के लिए आइआइटी मुंबई भी प्रशिक्षण देगा। डीआरडीए विभाग के जरिये वहां की टीम इस पर लोगों को जागरूक करेगी। परियोजना निदेशक हिमांशु जोशी ने बताया कि आइआइटी मुंबई इस योजना पर पहले भी जिले में काम कर चुकी है। ----इनसेट----
निर्मित हो रहे उत्पाद हाथ का पंखा, डलिया, फल की टोकरी, टेबल मैट, वाल हैं¨गग, पेन-स्टैंड, रोटी डिब्बा, पिकनिक बैग, चप्पल, टी सेट, कलमदान, अनाज की टोकरी, फूलदान, सजावटी लैंप आदि। ----वर्जन-----
मूंज घास से बने उत्पाद लोगों को समृद्ध बनाएंगे। इसके लिए कार्ययोजना तैयार की गई है। कौशल विकास पर इस समय ज्यादा जोर दिया जा रहा है। जो लोग यह काम पहले से कर रहे हैं, उन्हें कौशल विकास के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा।
-हिमांशु जोशी, परियोजना निदेशक, डीआरडीए, ऊधम¨सह नगर