मृदा परीक्षण कर उत्पादन में वृद्धि करें काश्तकार
उपजाऊ मिट्टी से अधिक उत्पादन लेने के लिए कृषकों को यह जानना अतिआवश्यक है कि भूमि में किन तत्वों की ककमी अथवा अधिकता है।
जासं, काशीपुर: मिट्टी से अधिक उत्पादन लेने के लिए कृषकों को यह जानना अतिआवश्यक है कि भूमि में किन तत्वों की कमी अथवा अधिकता है। भूमि किन फसलों की अधिकतम उपज प्रदान करने में सक्षम है। उसकी मिट्टी अम्लीय है अथवा क्षारीय, इन तमाम मुद्दों पर मृदा दिवस पर आयोजित कार्यक्रम में गहन मंथन किया गया और मिट्टी की कमी दूर कर उत्पादन में वृद्धि करने का आह्वान किया गया।
कृषि विज्ञान केंद्र काशीपुर में इफ्को काशीपुर के माध्यम से विश्व मृदा दिवस के उपलक्ष्य में कार्यशाला का आयोजन किया गया। जिसमें आसपास के सैकड़ों किसानों ने हिस्सा लिया। कार्यशाला में कृषि विज्ञान केंद्र प्रभारी डा. जितेन्द्र क्वात्रा ने मृदा परीक्षण के प्रति किसानों को जागरूक किया। उन्होंने बताया कि खेतों में जैविक खाद का प्रयोग करने से उर्वरा शक्ति बढ़ाई जा सकती है। इस दौरान कृषि वैज्ञानिकों एवं कृषकों के मध्य सूक्ष्म एवं गौण तत्वों की खेती के महत्व पर भी चर्चा हुई। कृषि वैज्ञानिकों ने बताया कि आज के दौर में खेती में जैविक खादों का उपयोग ही मृदा के स्वास्थ्य को सुधार सकता है।
संचालन करते हुए डा. अजय प्रभाकर ने विभिन्न तत्वों की कमी एवं मिट्टी की जांच करवा कर फसल की बुआई करने की सलाह दी। उन्होंने जैविक एवं रासायनिक खादों की तुलना कर समन्वित खेती को अपनाने का आह्वान किया। इस अवसर पर काशीपुर के एडीओ रितेश कुमार ने फसल बीमा योजना के बारे में जानकारी दी। इसी बीच गेहूं, सरसों व मटर आदि की अच्छी फसल उगाने की जानकारी दी गई। इफ्को काशीपुर के प्रतिनिधि नितिन त्रिपाठी ने एनपीके कन्सोसिया, नैनो यूरिया एवं नैनो डीएपी के फायदों की जानकारी दी। इस अवसर पर कृषि विज्ञान केंद्र के डा.एस के शर्मा, डा.अनिल सैनी, डा.प्रतिभा सिंह, डा.अनिल चंद्रा, सबा मसूद एवं प्रगतिशील कृषक महावीर, दीवान सिंह, विनोद कुमार व श्याम लाल आदि उपस्थित थे।
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