तलवारें चमकी तो दून में गिरा सोना
तलवार की धार देहरादून के खिलड़ियों के लिए मानों किस्मत की चमक थी। इस खेल में देहरादून ने सोना झटक लिया।
संवाद सहयोगी, रुद्रपुर : तलवार की धार देहरादून के खिलड़ियों के लिए मानों किस्मत की चमक थी। उसकी चमक और खिलाड़ियों के प्रदर्शन मानों अपने प्रतिद्वंद्वी को धराशायी करने को उतावले हो रहे थे। पहली बार उत्तराखंड ओलंपिक खेल में शामिल हुए फें¨सग में देहरादून के खिलाड़ियों ने दमदार प्रदर्शन करते हुए छह गोल्ड मेडल अपने नाम किए। वहीं खिलाड़ियों में पहली बार में ही बड़ी सफलता हाथ लगने से उनके हौसले बुलंद हैं।
उत्तराखंड चतुर्थ राज्य ओलंपिक में तलवारबाजी का खेल पहली बार शामिल किया गया। शनिवार को उद्घाटन मुकाबलों के बाद रविवार को सेमीफाइनल व फाइनल मैच खेले गए। सुबह आठ बजे से फें¨सग या तलवारबाजी का मुकाबला स्पोर्ट्स स्टेडियम स्थित हॉल में खेला गया। पहली बार हो रहे इस खेल में कुल छह जिलों के खिलाड़ियों ने हिस्सा लिया। जिसमें पौड़ी, चम्पावत, हरिद्वार, देहरादून, नैनीताल और ऊधम ¨सह नगर शामिल के खिलाड़ी शामिल हुए। फें¨सग के मुकाबले अलग-अलग वेपन के अनुसार तीन स्तर पर खेले गए। इनमें इप्पी, फॉइल और सेवर प्रमुख रहे। पुरुष वर्ग में देहरादून के निखिल कांत, मनोज परिहार व मनमोहन ने पहला स्थान प्राप्त करते हुए स्वर्ण पदक जीता। वहीं द्वितीय स्थान पर देहरादून के ही अक्षित, अभिषेक व विपुल ने बाजी मारी। तीसरे स्थान पर देहरादून के कनिष्क, रचित अग्रवाल, लोचन, अभिषेक कुमार, अंकुर व पौड़ी के अनुज रहे। महिला वर्ग में देहरादून की मनीषा, रिया रमोला व रिशिका ने पहला स्थान प्राप्त करते हुए स्वर्ण पदक जीता। वहीं दूसरे स्थान पर देहरादून की साक्षी पंत और आनंदी व नैनीताल की करिश्मा रहीं। तीसरे स्थान पर पौड़ी की रिया, देहरादून की अंजली व पौड़ी की मानसी रहीं। सभी विजेताओं को डीएम डॉ. नीरज खैरवाल, खेल निदेशक पीएस शाह, राज्य ओलंपिक संघ के महासचिव डॉ. डीके ¨सह आदि ने मेडल पहनाकर सम्मानित किया। वर्जन-
फें¨सग खेल पहली बार उत्तराखंड ओलंपिक में शामिल किया गया है। काफी महंगा एसेसरीज होने के कारण देर से खेल को शामिल किया गया है। खिलाड़ियों को प्रशिक्षित कर इंटरनेशनल लेवल पर ले जाने की पूरी कोशिश की जाएगी।
- बिरजेश यादव, राज्य फें¨सग एसोसिएश्सान संयुक्त सचिव, देहरादून