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बैंकों के विलय का आइबीइए ने किया विरोध

जागरण संवाददाता, रुद्रपुर : बीते दिनों केंद्र सरकार की तरफ से 10 मुख्य बैंकों का विलय किए जाने के फै

By JagranEdited By: Published: Tue, 22 Oct 2019 11:41 PM (IST)Updated: Wed, 23 Oct 2019 06:28 AM (IST)
बैंकों के विलय का आइबीइए ने किया विरोध
बैंकों के विलय का आइबीइए ने किया विरोध

जागरण संवाददाता, रुद्रपुर : बीते दिनों केंद्र सरकार की तरफ से 10 मुख्य बैंकों का विलय किए जाने के फैसले के खिलाफ बैंक लिपिक स्टाफ ने हड़ताल का आह्वान किया। आइबीइए के बैनर तले एकत्र हुए विभिन्न बैंक शाखाओं के लिपिक हड़ताल पर दिखाई दिए। इस हडताल का शहर में संगठन की निष्क्रियता के चलते मिला-जुला असर दिखा दिया। हालांकि काशीपुर में संगठन का दावा था कि व्?यापक असर दिखाई दिया है। संगठन के जिलाध्यक्ष सुरेशचंद्र शर्मा के नेतृत्व में कर्मचारियों ने जमकर नारेबाजी की।

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आइबीइए यानि ऑल इंडिया बैंक इंप्लाइज एसोसिशन के बैनर तले बुलाई गई। एक दिवसीय हड़ताल में हालांकि शहर में आंशिक असर दिखाई दिया। संगठन की तरफ से स्वीकार किया गया कि जल्दीबाजी में हड़ताल को लेकर व्यापक प्रचार व प्रसार न होने के कारण कर्मचारियों को इसकी जानकारी नहीं दी जा सकी। संगठन के जिलाध्यक्ष सुरेशचंद्र शर्मा के नेतृत्व में बैंक ऑफ बड़ौदा, केनरा बैंक, पंजाब नेशनल बैंक के क्लर्कियल स्टॉफ ने काम बंद रखा। वहीं सभी ने केंद्र सरकार के खिलाफ नारेबाजी करते हुए बैंकों के विलय को देश के लिए अहितकारी बताया। उनका कहना था कि इसका असर यह हुआ है कि लगातार आर्थिक संकट के कारण विभिन्न बैंकों को अपनी शाखाएं बंद करनी पड रही हैं। लोगों के अंदर अज्ञात भय बैठा जा रहा है। आक्रोश प्रकट करने वालों में महामंत्री आरके छाबड़ा, रक्षित, मनिदर सिंह, आदित्यपाल सहित दूसरे बैंकों के कर्मचारी मौजूद रहे।

बैंकों की हड़ताल से दो करोड़ का नहीं हुआ ट्रांजेक्शन

रुद्रपुर : केंद्र सरकार की तरफ से दस बैंकों के विलय किए जाने के बाद आक्रोशित आईबीइए संगठन के पदाधिकारियों ने एक दिवसीय हड़ताल का आह्वान किया। हालांकि संगठन की सक्रियता शहर में काफी होने की वजह से सरकार को लगभग दो करोड़ रुपये की क्लियरिग नहीं हो पाया। ग्राहकों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ा। स्टेट बैंक ऑफ इंडिया के चीफ मैनेजर शंकर कुमार चक्रवर्ती ने कहा कि बैंकों में कामकाज प्रभावित होने की जानकारी मिली है। इसमें केवल आइबीइए संगठन के हड़ताल में शामिल होने के कारण आर्थिक नुकसान कम हुआ है।

बैंकों केनरा बैंक, पंजाब नेशनल बैंक सहित दूसरी नेशल, इंडियन बैंक सहित दस बैंकों के विलय के खिलाफ आइबीइए ने एक दिवसीय हड़ताल का आह्वान किया था। जिसके बाद बड़ी संख्या में ग्राहकों के क्लियरेंस चेक नहीं लगाए जा सके। इससे करीब दो करोड़ रुपये का लेनदेन पभावित होने का अनुमान लगाया जा रहा है। स्टैट बैंक आफ इंडिया मुख्य शाखा के प्रबंधक शंकर कुमार चक्रवर्ती का कहना था कि ग्राहकों को इन बैंकों में कुछ समस्या आई। उनके यहां पर इसके चलते क्लियरेंस चेक नहीं आ सके। हड़ताल का कोई खास असर बैंकिग में नहीं दिखाई दिया। इसके पीछे एक ही कारण है कि दूसरे बैंक कर्मचारी संगठन इससे दूर रहे।


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