पत्नी की हत्या में पति को आजीवन कारावास
खटीमा अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश प्रदीप कुमार मणि ने पत्नी की हत्या में पति को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है।
संवाद सहयोगी, खटीमा: अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश प्रदीप कुमार मणि ने चकरपुर कस्बे में साढ़े चार वर्ष पूर्व गला घोंटकर पत्नी की हत्या के मामले में आरोपित पति को दोषी पाते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। साथ ही 20 हजार रुपये के अर्थदंड से दंडित किया है। अर्थदंड न देने पर उसे छह माह का अतिरिक्त कारावास भोगना होगा।
पिथौरागढ़ के मल्ला गांव निवासी ललित मोहन व उसकी पत्नी रेनू अपने चार बच्चों के साथ चकरपुर कस्बे में एक किराए के मकान पर रहते थे। ललित मोहन रुद्रपुर में एक फैक्ट्री में काम करता था। 16 सितंबर 2015 को वह अपनी पत्नी व बच्चों से मिलने घर आया हुआ था। इसी दौरान उसने किसी बात पर पत्नी की गला घोंटकर हत्या कर दी और मौके से भाग गया। पुलिस ने इसकी सूचना मृतका के परिजनों को दी थी। इस मामले में मृतका के पिता पिथौरागढ़ गंगोलीहाट के टिम्टा गांव निवासी श्यामलाल ने कोतवाली में उसके विरुद्घ 17 सितंबर 2015 को हत्या का मुकदमा दर्ज कराया था। मामला अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश की अदालत में पहुंचा। इस मामले में पुलिस ने 28 नवंबर 2015 को न्यायालय में आरोपित के विरुद्घ आरोप पत्र दाखिल कर दिया। अभियोजन पक्ष की ओर से सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता सौरभ ओझा ने पैरवी करते हुए 12 गवाहों को पेश किया। जिसके बाद न्यायाधीश ने दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद आरोपित पति ललित मोहन को दोषी मानते हुए उसे आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। साथ ही उसे उप कारागार हल्द्वानी भेजने के आदेश दिए। जिस पर पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर जेल भेज दिया।