छात्रावास के खिलाड़ियों ने कॅरियर की भरी उड़ान
छात्रावास के कई खिलाड़ियों ने नौकरी हासिल कर सपनों की उड़ान भरी है।
बृजेश पांडेय
रुद्रपुर : एक जमाना था जब अभिभावक अपने बच्चों को एक कहावत कहते थे कि पढ़ोगे लिखोगे बनोगे नवाब और खेलोगे कूदोगे तो होगे खराब, लेकिन इस कथन को रुद्रपुर स्पोर्ट्स स्टेडियम के खिलाड़ियों ने गलत साबित कर दिया है। आवासीय एथलेटिक्स छात्रावास में प्रशिक्षण ले रहे खिलाड़ियों को खेल से ही देश सेवा करने का अवसर के साथ-साथ रोजगार भी मिल रहा है। ऐसे में खिलाड़ियों में हौसला बना हुआ है। स्पोर्ट्स स्टेडियम में चार सालों में सात खिलाड़ियों का चयन सेना में हुआ है।
खेल विभाग युवाओं को आगे बढ़ाने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ रहा है। खेल छात्रावास में खिलाड़ी प्रशिक्षण के साथ ही शिक्षा और रोजगार भी पा रहे हैं। रुद्रपुर स्पोर्ट्स स्टेडियम में बालकों के लिए 2015-16 में आवासीय एथलेटिक्स छात्रावास बनाया गया था। वर्ष 2016 में पिथौरागढ़, चम्पावत, अल्मोड़ा, ऊधमसिंह नगर सहित अन्य जनपदों से 15 खिलाड़ियों का चयन छात्रावास के लिए हुआ था। खिलाड़ियों की कड़ी मेहनत और प्रशिक्षक के कुशल दिशा-निर्देश के चलते स्पोर्ट्स कोटा से 2016 में एक, 2017 में दो, 2019 में तीन और फरवरी 2020 में एक खिलाड़ी का चयन भारतीय सेना में हुआ है। इसमें चम्पावत के गिरीश नाथ गोस्वामी पुत्र प्रेम नाथ का चयन 2016 में, अल्मोड़ा निवासी भानू प्रताप आर्या पुत्र विरेंद्र प्रताप आर्या और पिथौरागढ़ निवासी राहुल कुमार पुत्र लेखराज राम का 2017 में, ऊधमसिंह नगर निवासी मनप्रीत संधु पुत्र साहब सिंह, पिथौरागढ़ के अनिल सिंह बिष्ट पुत्र भरत सिंह और रितिक जोशी पुत्र तुलसी प्रसाद का इंडियन आर्मी में 2019 में और हाल ही में फरवरी 2020 में एक और खिलाड़ी पिथौरागढ़ निवासी अजय सिंह बिष्ट पुत्र चापू सिंह ने भारतीय सेना में अपनी जगह बनाई है।
इसके अलावा तीन ऐसे खिलाड़ी हैं जिन्होंने राष्ट्रीय स्तर पर गोल्ड और सिल्वर मेडल प्राप्त कर प्रदेश का नाम रोशन कर चुके हैं। इनमें जूनियर नेशनल पांच किलोमीटर राष्ट्रीय प्रतिस्पर्धा में ललित सिंह बिष्ट ने गोल्ड तथा मुकेश कुमार ने सिल्वर मेडल 2016 में और अंकित सिंह रावत ने 2018 में सिल्वर मेडल प्राप्त कर चुके हैं। ------
इनसेट: खिलाड़ियों की उपलब्धि से सजाई जाएगी दिवार
रुद्रपुर : एथलेटिक्स छात्रावास में प्रशिक्षण के दौरान सेना में भर्ती हुए खिलाड़ियों और राष्ट्रीय स्तर पर मेडल अर्जित करने वाले खिलाड़ियों के नाम फोटो सहित छात्रावास के दिवार पर लगाई जाएगी। जिससे वर्तमान में प्रशिक्षण ले रहे खिलाड़ी मोटिवेट हो सकें।
------------- वर्जन:
अब तक छात्रावास के सात खिलाड़ियों को सेना में जगह मिलने से खुशी है। प्रशिक्षण ले रहे खिलाड़ियों को उसी तरह से प्रशिक्षित किया जाता है ताकि खेल के साथ ही वे अपने भविष्य पर भी गौर करें। और खेल ही उनके भविष्य को सही ऊंचाईयों तक ले जा सके। - रसिका सिद्दीकी, जिला क्रीड़ा अधिकारी, ऊधमसिंह नगर