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गुणवत्ता परखने को विवि में बनेगी हाईटेक एनालिटिकल लैब

पंतनगर में मृदा की सेहत सुधारने के लिए जीबी पंत विवि में हाईटेक एनालिटिकल लैब की होगी स्थापना।

By JagranEdited By: Published: Fri, 25 Dec 2020 04:45 PM (IST)Updated: Fri, 25 Dec 2020 04:45 PM (IST)
गुणवत्ता परखने को विवि में बनेगी हाईटेक एनालिटिकल लैब
गुणवत्ता परखने को विवि में बनेगी हाईटेक एनालिटिकल लैब

जागरण संवाददाता, पंतनगर : मृदा की सेहत के साथ कृषि उत्पादों की गुणवत्ता बेहतर हो। जिससे फसल की सुरक्षा व मानव स्वास्थ्य पर किसी प्रकार का नुकसान न हो सके। इसके लिए गोविद बल्लभ पंतकृषि एवं प्रौद्योगिकी विवि में अत्याधुनिक एनालिटिकल लैब स्थापित होगी। विवि व देश की फास्फेटिक फर्टिलाइजर की दूसरी सबसे बड़ी कंपनी कोरोमंडल इंटरनेशनल के बीच करार हुआ है। इससे न केवल शोध कार्यों में तेजी आएगी, बल्कि मृदा व फसल में प्रयोग होने वाले रसायनों की असलियत का पता चल पाएगा। साथ ही इसे दूर भी किया जा सकेगा। इसे धरातल पर लाने के लिए शनिवार से छात्रों को फैकल्टी सदस्यों को फसल सुरक्षा की ट्रेनिग दी जाएगी।

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कोरोना काल में विवि प्रशासन हर स्तर पर छात्रों की बेहतरी के साथ शोध कार्यों की गुणवत्ता बढ़ाने में किसी प्रकार कसर नहीं छोड़ रहा है। अभी तक विवि में मृदा आदि की जो जांच होती है, वह खासकर कारगर नहीं है। पुराने ढर्रे पर ही जांच होती है। इसकी वजह अत्याधुनिक जांच की तकनीकी नहीं है। बेहतर जांच के लिए छात्र या वैज्ञानिक नमूने लेकर इधर-उधर भटकते रहते हैं। हालांकि विवि में जो सुविधाएं हैं, उसी हिसाब से जांच होती है। इससे फसल सुरक्षा से संबंधित पूरी जानकारी नहीं मिल पाती है कि किस फसल में कौन सा रसायन मानक से ज्यादा पाया गया है। इसका असर फसल, मृदा के साथ मनुष्य की सेहत पर पड़ेगा।

विवि के शोध निदेशक डाक्टर अजित सिंह नैन व हैदराबाद स्थित कोरोमंडल कंपनी के बीच अनुबंध हुआ है। कंपनी एनालिटिकल लैब स्थापित करेगी। जिसमें फसल सुरक्षा आदि की जांच होगी। इससे छात्रों के साथ शोध कार्यों को बढ़ावा मिलेगा। साथ ही छात्र कृषि से जुड़ी हर चीजों की जांच में दक्षता हासिल करेंगे। कंपनी लैब स्थापित करेगी। लैब से यह पता चल सकेगा कि किन रसायन या फसल से मृदा की गुणवत्ता प्रभावित हो रही है। कौन कौन से सूक्ष्म व पोषक तत्व प्रभावित होते हैं, इसके निदान क्या है। इसी तरह फसल में प्रयोग होने वाले रसायन व कीटनाशक की जानकारी मिल जाएगी कि किस रसायन से उत्पाद की कितनी गुणवत्ता प्रभावित हो रही है। ऐसे में उत्पाद को गुणवत्ता को कैसे लाया जा सके। भूजल के दूषित होने की वजह का भी पता चल पाएगा। फसलों में लगने वाली बीमारियों को समय रहते पकड़ा जा सकेगा। कंपनी जब छात्रों की ट्रेनिग कराएगी तो उसका रहने, खाने आदि का पूरा खर्च कंपनी वहन करेगी।

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अनुबंध से ये होंगे फायदे

- छात्रों को फसल सुरक्षा के लिए आनलाइन दक्षता का प्रशिक्षण दिया जाएगा।

-छात्रों को शोध प्रोजेक्ट दिए जाएंगे

-राज्य में छात्र उद्योगों को बढ़ावा देने के लिए सामूहिक खेती का प्रशिक्षण

- कृषि विज्ञानियों को शोध को बढ़ावा देने के लिए स्पांसर्ड

-कंपनी छात्रों को इंटर्नशिप कराएगी और प्लेसमेंट दिलाने में मदद करेगी

-फसल सुरक्षा के लिए कंपनी छात्रों को उपकरण मुहैया कराएगी

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कंपनी के साथ अनुबंध हुआ है। कंपनी विवि में अत्याधुनिक एनालिटिकल लैब स्थापित करेगी। लैब में मृदा के साथ फसलों की सुरक्षा संबंधित जांच होगी। इससे पता चल सकेगा कि मृदा या फसल में किस तरह के पोषक तत्व कितनी मात्रा में पाई गई है। कंपनी छात्रों को अपनी कंपनी में साक्षात्कार कर नौकरी देगी और ट्रेनिग भी कराएगी।

- डा. अजित सिंह नैन, शोध निदेशक, पंत विवि

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इस अनुबंध से कारपोरेट व विवि का साथ साथ विकास होगा। भविष्य में कारपोरेट स्पांसर्ड सर्टिफिकेट व डिप्लोमा कोर्स भी चलाए जा सकेंगे। नई शिक्षा नीति में इसकी अपार संभावनाएं हैं।

- डा. तेज प्रताप, कुलपति, पंत विवि


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