महिला की मौत में गुलदार के हमले की पुष्टि नहीं
संवाद सहयोगी खटीमा खटीमा रेंज के जंगल में पति के साथ साग बीनने गई महिला की गुलदार के
संवाद सहयोगी, खटीमा: खटीमा रेंज के जंगल में पति के साथ साग बीनने गई महिला की गुलदार के हमले में हुई मौत के मामले में वन विभाग को गुलदार के हमले का घटनास्थल नहीं मिल सका है। दूसरी ओर पोस्टमार्टम रिपोर्ट में महिला की मौत सिर पर चोट लगने और बहुत ज्यादा खून बह जाने की वजह से होना पाया गया है। पोस्टमार्टम रिपोर्ट से यह भी खुलासा हुआ है कि महिला के शरीर पर ऐसा कोई जख्म नहीं था, जिससे यह पता चले कि उस पर किसी जंगली जानवर ने हमला किया है। विभाग के अधिकारियों का कहना है कि मुआवजा भी तभी मिलेगा जब हमले के पुख्ता सबूत मिलेंगे।
खेतलसंडा मुस्ताजर गांव के सेना में तैनात मनोहर सिंह राणा सेना अपनी 35 वर्षीय पत्नी गीता राणा के साथ खटीमा रेंज उत्तरी बनबसा कंपार्टमेंट नंबर 8 के जंगल में साग बीनने के लिए गए हुए थे। बताते हैं कि इसी दौरान अचानक उनकी पत्नी गीता पर गुलदार ने हमला कर दिया था। जिसमें उसकी मौत हो गई थी। हालांकि इस दौरान मनोहर ने गुलदार पर डंडे से वार किया था। इस बीच गुरुवार को वन क्षेत्राधिकारी बीके बिष्ट ने वन कर्मियों के साथ जंगल पहुंचकर घटनास्थल को खंगाला। लेकिन उन्हें घटनास्थल व गुलदार के हमले के निशान नहीं मिले। रेंजर बिष्ट ने बताया कि शुक्रवार को फिर से वन कर्मी मृतका के पति मनोहर को साथ लेकर घटनास्थल को खंगालेंगे। ताकि विभाग को घटना की सत्यता का पता चल सके। जिसके बाद ही वह पीड़ित परिवार को मुआवजा दिला सकेंगा।
इनसेट:::::::::::::
गांव में कराई मुनादी
खटीमा: खेतलसंडा मुस्ताजर गांव से सटे जंगल में गुलदार के हमले से हुई मौत के बाद रेंजर बिष्ट ने सुरक्षा की दृष्टि से गांव में मुनादी कराकर लोगों से जंगल न जाने की अपील की है। क्योंकि हमले के बाद गुलदार हिसक हो गया होगा। वह किसी अन्य पर भी हमला कर सकता है।
::::::पीएम रिपोर्ट में सिर की चोट से मौत की पुष्टि
खटीमा: गुलदार के हमले हुई सैनिक की पत्नी गीता राणा के शव का पोस्टमार्टम चिकित्सकों के पैनल व वीडियोग्राफी के साथ किया गया। पोस्टमार्टम करने वाले चिकित्सक डॉ. केसी पंत ने बताया कि महिला के सिर पर चोट लगने व अत्यधिक खून बहने की वजह से उसकी मौत हुई है। उसके शरीर के किसी भी अंग पर जंगली जानवर के हमले के निशान नहीं दिखे हैं। इस रिपोर्ट के बाद से हर कोई हैरत में है। वन विभाग भी घटना स्थल का निरीक्षण करना अब जरूरी बता रहा है।