छात्रवृत्ति नहीं आई खाते में, आक्रोश
संस, रुद्रपुर : एक इंजीनिय¨रग कॉलेज में शुल्क प्रतिपूर्ति की छात्रवृत्ति न मिलने से अभिभावकों व
संस, रुद्रपुर : एक इंजीनिय¨रग कॉलेज में शुल्क प्रतिपूर्ति की छात्रवृत्ति न मिलने से अभिभावकों व छात्रों में आक्रोश है। उन्होंने प्रबंधन पर पांच हजार रुपए रिश्वत मांगने का आरोप लगाया है। जिसके लिए उन्होंने डीएम से मिलकर मामले के जांच की मांग की है। अध्ययनरत छात्रों का कहना है कि साल 2017-18 की छात्रवृत्ति अभी तक उन्हें नहीं मिल सकी है। इसकी शिकायत जब उन्होंने प्रबंधन से की पोर्टल पर नाम नहीं दर्ज होने की बात कहकर टाल दिया गया, जबकि जयनगर गांव के पूर्व प्रधान व अभिभावक रामकिशन का कहना है कि बीटेक में अध्ययन कर रहे उनके बेटे मनीष कुमार व अन्य से जनवरी 2018 में आवेदन के समय पांच हजार रुपए की मांग की गई थी। जिसके एवज में छात्रवृत्ति के लिए आवेदन होना था। अभिभावक का आरोप है कि जिन छात्रों ने रिश्वत नहीं दी उनका आवेदन ही रोक दिया गया। जबकि इसमें से अधिकतर छात्र एससी व एसटी संवर्ग के हैं। जिन्हें छात्रवृत्ति की आवश्यकता थी। इस बात की शिकायत अभिभावक ने डीएम डॉ. नीरज खैरवाल से की है। जिसमें बताया कि जब छात्र मनीष कुमार ने इसके लिए आवाज उठाई तो सातवें सेमेस्टर की परीक्षा में ही बैठने से उसे रोक दिया गया। बाद में कालेज प्रबंधन की सिफारिश पर परीक्षा में तो बैठने दिया गया, लेकिन एक पेपर की परीक्षा छूट चुकी थी। ऐसे में अभिभावक ने मामले की जांच की मांग की है। इधर, कालेज प्रबंधन का कहना है कि छात्रों की बेहतरी के लिए कार्य किया जाता है। ऐसे में सभी छात्र हमारे लिए बराबर हैं। छात्रवृत्ति में तकनीकि दिक्कत कभी कभार आती हैं। फॉर्म समय से नहीं भरने के कारण परीक्षा में बैठने से रोक गया था। ========
दो दर्जन से ज्यादा छात्र प्रभावित
रुद्रपुर: कॉलेज में अध्ययनरत करीब दो दर्जन से ज्यादा छात्र प्रभावित हुए हैं। जिसमें उनको छात्रवृत्ति नहीं दी गई है, जिसमें मनोज कुमार मंडल, इमरान सैफी, बीक्रम रॉय, विक्रम सरकार, फाल्गुन मंडल, अधीर कुमार चंद्र, अंजली राना, अंकित ¨सह राना, भुवन चंद्र, दीपक आजाद, दिवाकर, हरीश राना, हेम प्रकाश, अंजली राना, मनोज मंडल, राहुल यादव, मनीष कुमार, सनकेश ¨सह राना, शिव प्रकाश मौर्य, सिमरजीत कौर, वंशिका, वेद प्रकाश मौर्या, भूपेंद्र ¨सह, ज्योति, कनिका मंडल, मोहन नाथ गोस्वामी आदि की छात्रवृत्ति रोकी गई है।