आठ साल की उम्र से रोजेदार बने हैं रजा खान व असरा इनायत
मन में कुछ करने का जज्बा हो तो कोई भी काम मुश्किल नहीं रह जाता। इसकी बानगी है रजा खान व असरा इनायत न।
जासं, काशीपुर : मन में कुछ करने का जज्बा हो तो कोई भी काम मुश्किल नहीं रह जाता। इसकी बानगी पेश की है काशीपुर निवासी रजा खान व असरा इनायत ने। यह दोनों बच्चे आठ साल की उम्र से रोजेदार बने हैं। अब 11 साल के हो चुके इन बच्चों ने इस बार भी माहे रमजान में रोजे रखे हैं।
मोहल्ला अल्ली खां निवासी रफी खान निजी काम करते हैं, उनकी पत्नी तबस्सुम गृहणी हैं। रफी खान बताते हैं कि उनके दो जुड़वा बच्चे हैं। बेटे अहमद रजा खान और बेटी असरा इनायत ने आठ साल की उम्र में रोजा रखने की इच्छा जाहिर की। परिजनों की रजामंदी के बाद उन्होंने रोजे रख खुदा की इबादत शुरू की। आज दोनों बच्चों की उम्र 11 साल हो गई है और वह तब से लगातार हर साल रोजे रखते आ रहे हैं। इन बच्चों के हौसले को देखते हुए काशीपुर के पूर्व शहर इमाम कारी अताउर्रहमान, वर्तमान शहर इमाम मुफ्ती मुनाजिर हुसैन, मुफ्ती जुल्फिकार खान नईमी, शेख अब्दुल अजीज कुरैशी, पूर्व चेयरमैन शमसुद्दीन, हसीन खान, मोहम्मद हाशमी, मुशर्रफ हुसैन, शफीक अंसारी, मो हसन नुरी, अशरफ एडवोकेट, डॉ. एमए राहुल आदि ने खुशी जताई है।